Edited By Mohammad Kumail, Updated: 09 Dec, 2023 04:11 PM
हरियाणा शिक्षा विभाग में अध्यापक, चपरासी दिखाकर कुछ लोगों ने बैंक से लोन ले लिया। शुरू में कुछ किस्त अदा की लेकिन उसके बाद किस्त अदा करनी बंद कर दी...
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : हरियाणा शिक्षा विभाग में अध्यापक, चपरासी दिखाकर कुछ लोगों ने बैंक से लोन ले लिया। शुरू में कुछ किस्त अदा की लेकिन उसके बाद किस्त अदा करनी बंद कर दी। इसके बाद बैंक ने अपनी कार्रवाई शुरू की। तब सामने आया कि इन लोगों का शिक्षा विभाग से दूर-दूर का कोई नाता ही नहीं है। अब ऐसे पांच मामलों में मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
यमुनानगर एसबीआई से लाखों रुपया लोन लेने के लिए पांच लोगों ने आईडी प्रूफ, सैलरी स्लिप, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज जमा करवाएं। बैंक ने कागजों को देखा, जांचा और इन सभी पांच लोगों को लोन दे दिया। किसी ने 15 लाख, किसी को 12 लाख, किसी को 10 लाख, किसी को 9 लाख लोन लिया। लोन लेने के बाद इन लोगों ने कुछ किश्तें दी और उसके बाद किस्त देना बंद कर दिया। बैंक ने फोन पर बात की तो आजकल में टाला गया और फिर लोन की राशि चुकाने से ही मना कर दिया गया। एसबीआई के मैनेजर ने इस संबंध में अपने अधिकारियों को जमा हुए दस्तावेजों के आधार पर जांच करने के आदेश दिए। जिसमें पता चला कि जिन लोगों ने सैलरी स्लिप पर स्कूल मुखिया के रूप में हस्ताक्षर किए हैं। वास्तव में उन्होंने ऐसा कोई हस्ताक्षर नहीं किया। ना ही उनके पास इस नाम का व्यक्ति अध्यापक अथवा चपरासी के पद पर कार्यरत हैं। इसके बाद बैंक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मामले में जांच और कार्रवाई के लिए यमुनानगर पुलिस अधीक्षक को लिखा गया। पुलिस अधीक्षक ने अक्टूबर महीने में मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी। इसके बाद पता चला कि बैंक से धोखाधड़ी हुई है। वह भी लाखों में।
यमुनानगर के डीएसपी अभिलक्ष जोशी ने बताया कि इस संबंध में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। जिसमें हाउसवाइफ, इलेक्ट्रीशियन सहित अन्य लोगों ने अपने आप को शिक्षा विभाग में अध्यापक अथवा चपरासी दिखाकर लाखों रुपए का लोन लिया। जबकि वास्तव में उनका शिक्षा विभाग से कोई लेनदेन नहीं नहीं था। उन्होंने बताया कि इस मामले में गहनता से जांच की जा रही है। डीएसपी ने यह भी बताया कि इन लोगों ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किया वह अंबाला, लाडवा, कैथल इत्यादि के हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल 5 एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन इस तरह के और भी मामले और शिकायतें उनके पास आई हैं। जिनकी जांच की जा रही है। शिक्षा विभाग में अध्यापक एवं चपरासी दिखाकर बैंक से लोन लिया गया। पुलिस द्वारा इस बात की भी जांच की जा रही है कि इसमें बैंक की लापरवाही है या मिली भगत। मामले में जांच के बाद जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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