Edited By Manisha rana, Updated: 21 Feb, 2024 05:01 PM
3 साल के बच्चे सहित 6 लोगों की हत्या करने वाले हत्यारोपी पर 19 फरवरी को आरोप सिद्ध होने के बाद आज सजा पर बहस की गई, जहां एक और मृतकों के परिजनों और वकील का कहना है कि आरोपी ने जगन्य अपराध किया है, इसलिए आरोपी सुखविंदर को सजा ए मौत मिलनी चाहिए, तो...
रोहतक (दीपक भारद्वाज) : 3 साल के बच्चे सहित 6 लोगों की हत्या करने वाले हत्यारोपी पर 19 फरवरी को आरोप सिद्ध होने के बाद आज सजा पर बहस की गई, जहां एक और मृतकों के परिजनों और वकील का कहना है कि आरोपी ने जगन्य अपराध किया है, इसलिए आरोपी सुखविंदर को सजा ए मौत मिलनी चाहिए, तो वही जिला कोर्ट ने अपना फैसला आज सुरक्षित रख लिया है।
माना जा रहा है कि 23 फरवरी को कोर्ट इस मामले में बड़ा फैसला दे सकती है। 12 फरवरी 2021 को रोहतक जाट कॉलेज में स्थित अखाड़े में 3 साल के बच्चे समेत सुखविंदर नाम के कोच ने 6 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपी पर 3 साल और 7 दिन में कोर्ट ने फैसला लेते हुए आरोप सिद्ध कर दिए हैं। पीड़ित पक्ष ने कहा कि यदि कोर्ट आरोपी को फांसी की सजा नहीं देगी तो 3 साल के बच्चे के साथ न्याय नहीं होगा।
12 फरवरी 2021 को रोहतक स्थित जाट कॉलेज के अखाड़े में घटी दर्दनाक घटना के आरोपी कोच सुखविंदर के खिलाफ रोहतक अदालत ने हत्या के आरोप सिद्ध कर दिए हैं। अब 23 तारीख को कोच सुखविंदर को अदालत बड़ी सजा सुना सकती है। पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट ने सभी गवाहों की बात सुनकर साक्ष के आधार पर कोच सुखविंदर पर हत्या के आरोप तय कर दिए हैं, क्योंकि हत्या की यह घटना रेयर ऑफ द रेयरेस्ट थी, इसलिए उन्होंने माननीय अदालत से कम से कम कोच सुखविंदर के लिए फांसी की सजा मांगी है। दूसरी तरफ पीड़ित परिवार के सदस्यों ने भी अदालत के बाहर भारी मन से फांसी की मांग की है।
गौरतलब है 12 फरवरी 2021 को शाम को कोच सुखविंदर ने जाट कॉलेज में कार्यरत फिजिकल एजुकेशन के प्राध्यापक मनोज मलिक उसके तीन वर्षीय बेटे सरताज, कुश्ती खिलाड़ी और उनकी पत्नी साक्षी मलिक, कुश्ती खिलाड़ी पूजा तोमर, कोच प्रदीप मालिक और कोच सतीश दलाल की धोखे से गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद कोच सुखविंदर फरार हो गया था जिसको रोहतक पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। रोहतक अदालत ने हत्या आरोपी कोच सुखविंदर सिंह को 19 फरवरी को दोषी करार दे दिया था। आज अदालत में उनकी सजा पर बहस पूरी हो चुकी है। माननीय अदालत ने सजा सुनाने के लिए 23 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रखा है।
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