Edited By Isha, Updated: 20 Dec, 2019 12:29 PM
जींद-रोहतक नैशनल हाईवे पर हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरने वाले हजारों लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि जींद-रोहतक के बीच नैशनल हाईवे नंबर-71 की फोरलेङ्क्षनग की कई साल
जींद (मलिक): जींद-रोहतक नैशनल हाईवे पर हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरने वाले हजारों लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि जींद-रोहतक के बीच नैशनल हाईवे नंबर-71 की फोरलेङ्क्षनग की कई साल से अधर में लटकी योजना का रास्ता अब साफ हो गया है। नैशनल हाईवे की फोरलेङ्क्षनग के लिए एन.एच.ए.आई. ने जो टैंडर फ्लोट किए थे, उनकी एवज में 6 कम्पनियों ने अपनी बिड एन.एच.ए.आई. को भेजी थी और सभी 6 कम्पनियों की टैक्नीकल बिड जांच में सही पाई गई हैं। अब 24 दिसम्बर को फाइनैंशियल बिड खुलेंगी और जिस का रेट कम होगा, उस कम्पनी को फोरलेङ्क्षनग का काम अलॉट कर दिया जाएगा।
नैशनल हाईवे नंबर-71 की जींद-रोहतक के बीच फोरलेङ्क्षनग की योजना 7 साल पुरानी है। 3 जून 2012 को प्रदेश के तत्कालीन सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जींद रैली में इस हाईवे की फोरलेङ्क्षनग की बड़ी योजना की घोषणा की थी। इसके बाद वी.आई.एल. कम्पनी को हाईवे की फोरलेङ्क्षनग का काम अलॉट किया गया था। वी.आई.एल. कम्पनी ने फोरलेङ्क्षनग का काम शुरू भी कर दिया था, लेकिन बाद में कम्पनी के निर्माण कार्य की गति बेहद धीमी हो गई थी और कम्पनी ने काम बीच में बंद कर दिया था। इसे लेकर एन.एच.ए.आई. ने वी.आई.एल. कम्पनी को कई बार नोटिस दिए और अंत में वी.आई.एल. कम्पनी का इस निर्माण कार्य का टैंडर रद्द कर दिया था। कम्पनी ने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
इसके चलते नैशनल हाईवे की फोरलेङ्क्षनग का काम अधर में लटक गया था। हाईकोर्ट से मामले का निपटारा होने के बाद एन.एच.ए.आई. ने जींद-रोहतक के बीच नैशनल हाईवे की फोरलेङ्क्षनग की योजना को लेकर नए सिरे से टैंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। शुरूआती दौर में किसी कम्पनी ने फोरलेङ्क्षनग की इस योजना में रुचि नहीं दिखाई थी। एन.एच.ए.आई. द्वारा फ्लोट किए गए टैंडर पर किसी कम्पनी ने अपनी बिड जमा नहीं करवाई थी। बाद में दूसरी बार टैंडर फ्लोट किए गए तो जिन 2 कम्पनियों ने अपनी बिड जमा करवाई, वह एन.एच.ए.आई. की शर्तों पर खरी नहीं उतरी थी।
283 करोड़ से बढ़कर 470 करोड़ हुई योजना की लागत
जींद-रोहतक के बीच नैशनल हाईवे की फोरलेङ्क्षनग को लेकर 2012 में जो अनुमानित लागत थी, वह 283.31 करोड़ थी। अब 7 साल बाद यह बढ़कर 470.63 करोड़ हो गई है। योजना की अनुमानित लागत इतनी ज्यादा बढ़ जाने के कारण ही अब सड़क निर्माण का काम करने वाली 6 बड़ी कम्पनियों ने निर्माण कार्य में रुचि दिखाते हुए अपनी तकनीकी और फाइनैंशियल बिड एन.एच.ए.आई. के पास जमा करवाई हैं।
यह कहते हैं एन.एच.ए.आई. के प्रोजैक्ट डायरैक्टर
एन.एच.ए.आई. के प्रोजैक्ट डायरैक्टर वी.के. शर्मा का कहना है कि जींद-रोहतक के बीच नैशनल हाईवे की फोरलेङ्क्षनग की 470.63 करोड़ रुपए की परियोजना को लेकर 6 कम्पनियों की बिड टैक्नीकल रूप से सही पाई गई है। 24 दिसम्बर को इस हाईवे की फोरलेङ्क्षनग को लेकर इन कम्पनियों की फाइनैंशियल बिड खोली जाएगी। उसके बाद उस कम्पनी को वर्क अलॉट कर दिया जाएगा, जिसका रेट कम होगा। बहुत जल्द नैशनल हाईवे की फोरलेङ्क्षनग का काम शुरू होने वाला है।