हरियाणा में होगा बहुकोणीय मुकाबला, विपक्षी दल अकेले चुनाव लडऩे के मूड में

Edited By Shivam, Updated: 07 Mar, 2019 11:51 AM

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लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में भाजपा के खिलाफ  विपक्षी दलों का महागठबंधन तो दूर की बात कोई असरदार गठबंधन भी नहीं बन पा रहा है। प्रदेश के प्रमुख दल कांग्रेस, इनैलो व जे.जे.पी. अकेले ही ताल ठोकने के मूड में नजर आते हैं। लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी व बसपा...

अम्बाला (रीटा/सुमन): लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में भाजपा के खिलाफ  विपक्षी दलों का महागठबंधन तो दूर की बात कोई असरदार गठबंधन भी नहीं बन पा रहा है। प्रदेश के प्रमुख दल कांग्रेस, इनैलो व जे.जे.पी. अकेले ही ताल ठोकने के मूड में नजर आते हैं। लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी व बसपा ने एक गठबंधन जरूर बनाया है जबकि जे.जे.पी. व आप के बीच गठबंधन की संभावनाएं तलाशने का काम जारी है। माना जा रहा है कि इस बार प्रदेश की सभी 10 सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला तय है।  दरअसल, 1967 से ही लोकसभा चुनावों मे मुख्य मुकाबला भाजपा, पहले जनसंघ व कांग्रेस के बीच रहा है बाद में इनैलो भी मुकाबले में खड़ा हो गया। हरियाणा विकास पार्टी भी एक दशक तक लोकसभा चुनावों मे अपनी मौजूदगी दर्ज करवाती रही जबकि 1998 में इनैलो से तालमेल करके बसपा के प्रत्याशी अमन कुमार नागरा अम्बाला संसदीय सीट से सांसद बने।

1980 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 5, जनता पार्टी, एस. ने 4 व जनता पार्टी ने 1 सीट हासिल की थी। 1984 में कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर कब्जा कर लिया। 1989 में जनता दल  ने 6 व कांग्रेस ने 4 सीटें हासिल की। 1991 में 9 सीटों पर कांग्रेस व एक पर हविपा विजयी हुई। 1996 के चुनावों में भाजपा 4 व हविपा 3 पर, 2 पर कांग्रेस जीती, जबकि 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई।

1998 में एच.एल.डी.आर. को 4, बसपा को 1 कांग्रेस को 3, भाजपा को 1 व हविपा को 1 सीट मिली। 1999 में भाजपा को 5 व इनैलो को 5 सीटें मिली। 2004 में कांग्रेस ने 9 सीटों पर कब्जा किया जबकि भाजपा को 1 सीट ही मिल पाई। 2009 में 9 सीटों पर कांग्रेस विजयी हुई जबकि हरियाणा जनहित कांग्रेस ने 1 सीट हासिल की। 2014 मे भाजपा ने 7, इनैलो ने 2 व कांग्रेस ने 1 सीट जीती।

कांग्रेस सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला कर चुकी है। जे.जे.पी. व आप का भले ही कोई औपचारिक गठबंधन न बना हो हो लेकिन जींद उपचुनाव में आप ने जे.जे.पी. की मदद की थी। हालांकि अभी हाल में आप के प्रदेश संयोजक नवीन जयङ्क्षहद ने जे.जे.पी. से गठबंधन को सिरे से नकार दिया था लेकिन अब फिर से हाथ मिलने की कवायद हो गई है। सूत्रों के मुताबिक आप के कुछ नेता इस मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में अजय चौटाला से भी मिले हैं। यदि जे.जे.पी. अपने तेवर कुछ ढीले करता है दोनों मे सुलह हो सकती है।

 इनैलो के पास फिलहाल गठबंधन का कोई विकल्प नहीं है। ओम प्रकाश चौटाला ने सत्ता में कई बार साथ रहे अपने पुराने दल भाजपा से हाथ मिलने का इशारा दिया है लेकिन भाजपा ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। राजनीतिक क्षेत्रों का मानना है कि भाजपा शायद ही इसके लिए राजी हो। लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी-बसपा गठबंधन सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में 2 तिहाई सीटों पर बसपा के प्रत्याशी होंगे। 

वैसे भी लोसपा के संयोजक राज कुमार सैनी की प्राथमिकता सूची में हरियाणा विधानसभा है। वह हरियाणा सरकार के गाड़ी की अगली सीट पर बैठने की चाहत कई बार जता चुके हैं। हरियाणा जन चेतना पार्टी के अध्यक्ष विनोद शर्मा व हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा किधर जाएंगे इसका खुलासा अभी होना है। 

कहा जा रहा है कि सत्ता विरोधी वोटों का जितना ज्यादा बंटवारा होगा, उतना ज्यादा फायदा भाजपा को मिलेगा, लेकिन अब यह थ्योरी कितनी सही साबित होती है इसका पता चुनावों के नतीजों से ही चल पाएगा।

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