Edited By Saurabh Pal, Updated: 19 Feb, 2024 09:34 PM
MSP सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान आंदोलन 2.0 का आगाज करने वाले किसानों और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सहमति के आसार कम नजर आ रहे हैं...
कुरुक्षेत्रः MSP सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान आंदोलन 2.0 का आगाज करने वाले किसानों और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सहमति के आसार कम नजर आ रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच को लेकर डटे किसानों को सरकार द्वारा 5 फसलों पर फसल चक्र अपनाने के बाद एमएसपी देने का आश्वासन दिया गया है। जिसके बाद किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर 2 दिन का समय विचार के लिए मांगा है। इधर हरियाणा के किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने 5 फसलों पर एमएसपी देने का प्रस्ताव सिर्फ पंजाब के किसानों को दिया है।
'हरियाणा अपनी लड़ाई लड़ेगा'
इसी को लेकर किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हम चेतावनी देना चाहते हैं कि हरियाणा में भी वही चीज़ लागू हो जो पंजाब में को देने की बात कही गई है, वर्ना हरियाणा के किसान भी तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसपी के लिए सरसों और बाजरे की फसल को भी जोड़ा जाए। यदि एमएसपी के लिए बाजरा और सरसों को नहीं शामिल किया गया तो हरियाणा का किसान अपनी लड़ाई लड़ेगा।
किसान नेता ने हरियाणा CM से पूछे सवाल
किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के 14 फसलों की MSP पर खरीद के दावे पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सिर्फ गेहूं और धान MSP पर खरीदी जाती है। गन्ना एफआरपी और बाजरा-सरसों व सूरजमुखी फसल भावांतर भरपाई योजना के तहत खरीदी जा रही है। इस योजना में भी कुछ भाग ही खरीदा जाता है। उन्होंने सीएम से पूछा कि केंद्र ने जिन 23 फसलों पर MSP घोषित की, उनमें से कौन-कौन सी 14 फसलों की खरीद कराई जा रही है। किसान नेता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बयान को गुमराह करने वाला बताया है।
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