अवैध कब्जों व अतिक्रमण से गायब हो गई सेक्टरों की ग्रीन बेल्ट, अधिकारी कर रहे हल्की कार्रवाई

Edited By Manisha rana, Updated: 16 Mar, 2024 09:47 AM

green belt of sectors disappeared due to illegal encroachment

कैथल शहर के सेक्टरों में ग्रीन बेल्ट का कोई नामों निशान नहीं बचा है। ग्रीन बेल्ट की जगह अवैध कब्जे और अतिक्रमण का बड़ा जाल फैला हुआ है। इससे साफ है कि यह सब अधिकारियों की लापरवाही के कारण हो रहा है।

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : कैथल शहर के सेक्टरों में ग्रीन बेल्ट का कोई नामों निशान नहीं बचा है। ग्रीन बेल्ट की जगह अवैध कब्जे और अतिक्रमण का बड़ा जाल फैला हुआ है। इससे साफ है कि यह सब अधिकारियों की लापरवाही के कारण हो रहा है। अमीर व राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोग इसका फायदा लंबे समय से उठा रहे हैं। इससे शहर के पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए हर सड़क और सेक्टरों में ग्रीन बेल्ट खत्म हो चुकी है। जिससे सैक्टरों की खूबसूरती पर ग्रहण लग गया है।

पिछले दिनों धान के सीजन में भी कैथल शहर प्रदूषण के मामले में अन्य शहरों से अव्वल रहा। उसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी ग्रीन बेल्ट से अवैध कब्जे हटवाने का नाम नहीं ले रहे। असफरों की सुस्ती शहर के सौंदर्यीकरण पर भारी पड़ रही है, लेकिन अब भी ग्रीन बेल्ट से कब्जे हटाने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी तैयार नहीं हैं। कई जगहों पर लोगों ने अपने लाभ के लिए अपने प्रतिष्ठानों के आगे रैंप, चबुतरे व सीढियां बनाकर अतिक्रमण किया हुआ है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे ही शहर की आबोहवा शुद्ध हो पाएगी। हैरान कर देने वाली बात ये है कि इसका जवाब जिले के आला अधिकारियों के पास भी नहीं है।

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बता दें कि कैथल के पूर्व डीसी राजेंद्र कटारिया ने ग्रीन बेल्ट पर अवैध रूप से सड़क की तरफ खुली दुकानों और प्रतिष्ठानों को सील किया था। इसके साथ ही अक्तूबर 2021 को विभाग के तत्कालीन संपदा अधिकारी ने अपने अधीन संबंधित अधिकारियों को सेक्टर -19 पार्ट वन ग्रीन बेल्ट से लोगों के अतिक्रमण हटवाकर। यहां बाउंडरी वाल निकालने को लेकर आदेश जारी किए थे। चार साल बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जिस कारण आए दिन यहां अतिक्रमण बढ़ रहा है। जबकि एनजीटी के आदेशों के अनुसार शहर के प्रत्येक सेक्टरों में ग्रीन बेल्ट बनी हुई हो और उनमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए जाएं। इन सबकी निगरानी व अवैध कब्जे हटवाने संबंधित जिम्मेदारी नगरपरिषद की होती है। इन जगहों पर सीएलयू पास और नक्शा व रजिस्ट्री नहीं हो सकती।

बृहस्पतिवार को डीसी के निर्देशानुसार नगर परिषद प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था। जिसमें नगर परिषद के ई.ओ कुलदीप मलिक दलबल के साथ पहुंचे थे। जेसीबी से अवैध कब्जे व अतिक्रमण हल्के तौर पर हटाया गया। हालांकि पूर्णरूप से कहीं पर भी न तो अवैध कब्जा ढहाया गया और न ही अतिक्रमण को। बस केवल खानापूर्ति की गई।

 शहर में इन जगहों पर गायब है ग्रीन बेल्ट

शहर के सेक्टर-33 सनसिटी, सेक्टर-18, सेक्टर-19 पार्ट वन सहित कई जगहों पर ग्रीन बेल्ट गायब हो चुकी है। इन जगहों पर लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है। कहीं 30 तो कहीं 40 फीट तक भी कब्जे हैं। कई दुकानदारों व अस्पताल व अन्य बिजनेस कार्यालय संचालकों ने बड़े बड़े रैंप व लोहे की सीढ़ियां लगाई हुई है। इतना ही नहीं कईयों ने तो कब्जा करके दीवार तक निकाल ली है और हुडा की जमीन कब्जा कर नो पार्किंग के बोर्ड तक लगा दिए हैं। यानी जमीन पर कब्जा दिखा दिया गया है। इससे साफ है कि इन लोगों को कानून या प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। मनमाने ढंग से यहां वाहन पार्क किए जाते हैं।

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