विधानसभा सत्र: हरियाणा विधानभवन का हिस्सा पंजाब से लेने के लिए सरकार लाएगी प्रस्ताव

Edited By Shivam, Updated: 04 Nov, 2020 09:51 PM

gov will bring proposal to take part of haryana vidhan bhavan from punjab

हरियाणा विधानभवन का हिस्सा पंजाब से लेने के लिए प्रयासरत विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के प्रयासों से वीरवार को शुरू विधानसभा सत्र में सरकार प्रस्ताव लाएगी और सर्वसहमति से इसे पारित करवाया जाएगा। इस मामले को अतीत में पंजाब के राज्यपाल एवं...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा विधानभवन का हिस्सा पंजाब से लेने के लिए प्रयासरत विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के प्रयासों से वीरवार को शुरू विधानसभा सत्र में सरकार प्रस्ताव लाएगी और सर्वसहमति से इसे पारित करवाया जाएगा। इस मामले को अतीत में पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक के दरबार में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ले गए थे। गुप्ता ने वीपी सिंह बदनौर ने आश्वासन दिया कि वे इस विवाद को सुलझाने के लिए जल्द तीन वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गठित करेंगे। इस समिति में दोनों राज्य विधानसभाओं के सचिव और चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य अभियन्ता शामिल होंगे। समिति को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी थी, जो आज तक नहीं आई।

गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब के विधानसभा सचिवालय एक ही भवन में हैं। 17 अक्तूबर 1966 के दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते के अनुसार जितना हिस्सा हरियाणा को मिलना चाहिए था, वह आज तक नहीं मिल सका। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष अपने कार्यकाल के शुरू से ही हरियाणा का हिस्सा लेने के लिए प्रयासरत हैं। हरियाणा की ओर से 1 मार्च 2019 को चंडीगढ़ प्रशासक के मुख्य अभियंता को अर्ध सरकारी पत्र लिखा गया था। लेकिन तब चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में हरियाणा को अवगत नहीं करवाया गया था। 

इसके बाद 6 दिसंबर 2019 को ज्ञान चंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा अध्यक्ष केपी सिंह राणा से औपचारिक मुलाकात कर हरियाणा का हिस्सा देने की मांग की। इस मुलाकात के दौरान गुप्ता ने हरियाणा की मांग को लेकर राणा को लिखित पत्र भी सौंपा था।

ज्ञानचंद गुप्ता ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को बताया कि उस मुलाकात के दौरान पंजाब की ओर से हरियाणा का हिस्सा देने का आश्वासन दिया था। गुप्ता ने बताया कि गत सप्ताह पंजाब विधानसभा अध्यक्ष की ओर में मीडिया में बयान दिया, जिसमें हरियाणा को उसका हिस्सा देने से मना किया गया है।  

66430 वर्ग फुट में से मात्र 24630 मांग रहा हरियाणा
चंडीगढ़ के सेक्टर एक स्थित विधान भवन में कुल 66 हजार 430 वर्ग क्षेत्र है। 17 अक्तूबर 1966 को चंडीगढ़ के कैपिटल प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता की मौजूदगी में हरियाणा और पंजाब के बीच हुए समझौते के अनुसार 66 हजार 430 वर्ग फुट क्षेत्र में से 30 हजार 890 वर्ग फुट क्षेत्र पंजाब विधान सभा सचिवालय के लिए, 10 हजार 910 वर्ग फुट क्षेत्र पंजाब विधान परिषद के लिए जबकि 24 हजार 630 वर्ग फुट क्षेत्र हरियाणा विधानसभा सचिवालय के लिए निर्धारित हुआ था। इस प्रकार 66 हजार 430 वर्ग फुट क्षेत्र में से हरियाणा मात्र 24 हजार 630 वर्ग फुट क्षेत्र की मांग कर रहा है।

हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चन्द गुप्ता ने बताया कि हरियाणा विधानसभा में पंजाब से 13प्रतिशत हिस्सा वापिस लेने के लिए सत्र में प्रस्ताव आएगा, जिस पर सभी दलों की सहमति के बाद इसे पारित किया जाएगा।

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