सरकारी एजेंसियों द्वारा धीमी गति से खरीद किए जाने से किसान परेशान

Edited By Manisha rana, Updated: 16 Oct, 2020 03:24 PM

farmers upset due to slow procurement by government agencies

एक ओर प्रदेश सरकार किसान की धान व बाजरे की फसल का एक एक दाना खरीदने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी ओर सरकारी व्यवस्थाओं की कमी के चलते किसानों को दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा....

होडल (मधुसूदन) : एक ओर प्रदेश सरकार किसान की धान व बाजरे की फसल का एक एक दाना खरीदने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी ओर सरकारी व्यवस्थाओं की कमी के चलते किसानों को दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए सरकारी खरीद एजेंसियों के इंतजार में दिन रात बैठकर गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकारी खरीद एजेंसी अधिकारी हैं कि कभी फसल में नमी की बात कहकर तो कभी फसल साफ नहीं होने की कहकर किसानों को चलता कर रहे हैं। जिसके कारण किसान अपनी फसल को निजी एजेसियों को औने पौने रेटों पर बेचने को विवश है।

सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा धीमी गति से फसल खरीद के मामले को लेकर बीती देर सांय किसानों का गुस्सा भडक गया और गुस्साए किसानों ने मार्केट कमेटी के सचिव को समस्या से अवगत कराया। जिस पर सचिव दीपक कुमार ने एजेंसी अधिकारियों को मानकों के अनुसार फसल खरीद करने को कहा लेकिन जब अधिकारियों द्वारा फसल की नमी मापी गई तो मशीनों ने अलग अलग रिपोर्ट दी।

किसानों का कहना था कि एक ओर सरकार द्वारा मानकों के अनुसार फसल खरीदने का दावा कर रही है लेकिन जब फसल की नमी मापने वाली मशीन ही गलत रिपोर्ट बता रही है तो किसान क्या करे। इसके अलावा किसानों में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी उनकी फसल नहीं बिक पा रही है। रजिष्ट्रेशन कराने व गेट पास बनवाने में भी किसानों का पूरा समय बर्बाद हो रहा है। जिसके कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। उधर सरकार द्वारा अनाज मंडी में फसल लेकर पहुंचने वाले किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मंउी में ना तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही किसानों के बैठने की। यहां तक की किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों पर भी ताले लटके पडे हैं।

वर्षों बाद अनाज मंडी सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया11 हजार 961 किविंटल बाजरा
अनाज मंडी में पिछले साल 14 अक्तूबर तक 3 लाख 65 हजार 336 किव्ंटल धान की आवक हुई थी, जबकि 35 हजार 549 किव्ंटल कपास की  आवक हुई थी। जिसमें से सरकार द्वारा 2 लाख 97 हजार 673 किव्ंटल धान की खरीद की गई थी,लेकिन अबकि बार 14 अक्तूबर तक अनाज मंडी में 2 लाख 56 हजार 167 किव्ंटल धान तथा 57 हजार 574 किव्ंटल  कपास की आवक हुई है।  जिसमें से सरकारी खरीद एजेसियों द्वारा मात्र 57 हजार 510 किव्ंटल धान खरीदा गया है। अबकि बार वर्षों बाद अनाज मंडी सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा 11 हजार 961 किव्ंटल तथा 4 हजार 68 किव्ंटल बाजरा प्राईवेट एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है।

जबकि 1 अगस्त 2020 से 14 अक्तूबर तक 3 हजार 74 किसानों ने धान और बाजरे की फसल का पंजीकरण कराया है। बता दें कि पिछले सप्ताह मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल बंद होने के बाद किसान पंजीकरण से वंचित रह गए थे। जिस पर तीन दिन पहले जिला उपायुक्त के औचक निरीक्षण के बाद किसानों की सुविधा के लिए उक्त पोर्टल को दोवारा से शुरु किया गया है। जिसमें फसल पंजीकरण कराने वाले किसानों की भीड उमड पडी है। विभाग द्वारा किसानों की सुविधा के लिए फसल का पंजीकरण कराने के लिए चार काउंटरों की व्यवस्था की है। किसान धान व बाजरे की फसल का उचित रेट पाने के लिए फसल का पंजीकरण अवश्य कराएं। किसान धान व बाजरे की साफ व सूखी फसल लेकर मंडी पहुंचे, ताकि सरकारी खरीद एजेंसियोंं को खरीद में परेशानी ना हो।    

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!