Edited By Manisha rana, Updated: 28 Feb, 2024 01:42 PM
हरियाणा में किसानों का आधुनिक खेती की तरफ रुझान दिन-प्रतिदिन बढता जा रहा है। किसान परंपरागत खेती छोड़ आधुनिक खेती अपनाकर न सिर्फ लाखों रुपये कमा रहे है, बल्कि लोगों को रोजगार भी दे रहे है।
गन्नौर (कपिल शर्मा) : हरियाणा में किसानों का आधुनिक खेती की तरफ रुझान दिन-प्रतिदिन बढता जा रहा है। किसान परंपरागत खेती छोड़ आधुनिक खेती अपनाकर न सिर्फ लाखों रुपये कमा रहे है, बल्कि लोगों को रोजगार भी दे रहे है। इन्ही किसानों में से एक किसान गन्नौर के गांव खेडी गुज्जर निवासी दिनेश कुमार है। जिसने परंंपरागत खेती छोड़कर आधुकिन खेती अपनाते हुए स्टो बैरी की खेती शुरु की। अब इस स्टोबैरी की खेती से वह हर वर्ष लाखों रुपये कमा रहे है और दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन रहे है।
गांव खेड़ी गुज्जर निवासी दिनेश ने बताया कि उसके पिता भी परंपरागत खेती करते है। उसने कुछ अलग करने की ठानी और वह 2021 में बजाना गांव के एक किसान प्रवीण से मिला। प्रवीण काफी समय से स्टो बैरी की खेती कर रहा था। उसने प्रवीण के पास स्टो बैरी के खेती के बारे में जानकारी। शुरु में उसके घर वालों ने उसे इंकार किया, लेकिन उसने मन में कुछ अलग करने की ठान रखी थी और उसके बाद उसने 2022 में आधा एकड़ से स्टो बैरी की खेती की शुरुआत की। जिसमें उसे शुरु में खर्च निकाल कर 7 महीने की खेती में करीब ढाई लाख रुपये की बचत हुई। जिसके बाद उसके हौसले बुलंद हो गए और घर वालों को भी सहारा मिल गया। जिसके बाद उसने अपनी खेती को आगे बढ़ाया और 2 एकड़ में फसल की शुरुआत की। दो एकड़ की फसल में उसे करीब 20 लाख रुपये खर्च आया और उसे दो एकड में करीब 10 से 12 लाख रुपये की बचत हुई। उसने अपनी खेती को आगे बढ़ाया और खेती आधा एकड़ से शुरुआत करने के बाद चार एकड में स्टो बैरी की खेती कर रहा है और हर वर्ष करीब लाखों रुपये कमा रहा है।
किसान दिनेश ने बताया कि स्टो बैरी की खेती की शुरुआत सिंतबर में की जाती है और अप्रैल में खेती खत्म हो जाती है। स्टो बैरी के बीज वह पुणे से मंगवाते है। बीज आने के बाद खेत को अच्छी तरह से साफ कर लाइने बनाकर उसमें बीज लगा दिया जाता है और ऊपर से पॉलीथीन रखी जाती है, ताकि फसल खराब न हो। कुछ दिनों बाद फसल आनी शुरु हो जाती है। जिसे वह बाजार में बेच देते है। किसान दिनेश ने बताया कि उसके पास करीब 40 लोग काम करते है। जब उसने शुरुआत की थी तो सिर्फ तीन लोगों ने काम शुरु किया था। अब वह खेती के साथ-साथ करीब 40 लोगों को रोजगार भी दे रहा है। अगर उसके पास दूसरे किसान भी आ रहे है। जो स्टो बैरी की खेती के बारें में पूछते है। वह अब दूसरे किसानों के मिसाल बन रहा है। किसान दिनेश ने बताया कि एक एकड में करीब 4 से 5 लाख रुपये का खर्च आता है और उसे एक एकड़ में करीब 10 से 12 लाख रुपए की बचत होती है। उसकी स्टो बैरी की मांग आजादपुर मंडी के अलावा गुहावटी, नागपुर भी है। जहां पर उसकी स्टो बैरी की डिमाड़ लगातार बढ़ रही है।
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