किसान मेरे भगवान हैं, देश के अन्नदाता हैं और वह देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं : कटारिया

Edited By Manisha rana, Updated: 04 Dec, 2020 11:24 AM

farmer is my god the provider of the country kataria

तीन कृषि कानूनों को लेकर पहले जहां केवल केंद्र सरकार की मुसीबतें खड़ी हुई दिख रही थी। अब हरियाणा के किसानों के जुड़ने के बाद और खापों व जाट बहुल क्षेत्रों के दबाव के कारण गठबंधन सरकार...

चंडीगढ़ (धरणी) : तीन कृषि कानूनों को लेकर पहले जहां केवल केंद्र सरकार की मुसीबतें खड़ी हुई दिख रही थी। अब हरियाणा के किसानों के जुड़ने के बाद और खापों व जाट बहुल क्षेत्रों के दबाव के कारण गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी जे.जे.पी. के सुर आए दिन बदलते देख रहे हैं। जिससे हरियाणा सरकार पर खतरा मंडराता दिख रहा है। जिसे लेकर हरियाणा की राजनीति आए दिन गर्माती जा रही है। इस बारे में पंजाब केसरी ने अंबाला के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया से खास मुलाकात की और इस संदर्भ में बातचीत की। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं-

प्रश्न : अकाली दल भा.ज.पा. का सबसे पुराना सहयोगी दल रहा है और अब कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल ने भा.ज.पा. का साथ भी छोड़ दिया और अब मेडल भी वापस लौटाए हैं। इस बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर : 
प्रकाश सिंह बादल देश के महान नेता है और हिंदुस्तान की एकता और अखंडता के प्रतीक हैं।पिछले 60 वर्षों से वह हमारे दल के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चलते रहे हैं। मैं उनका बच्चा हूं। पहली बार ऐसा मौका आया कि जब उनकी पार्टी ने कृषि बिलों के बहाने हम से दूरियां बनाई और अब पदम विभूषण तक वापस कर दिया। मैं उनके फैसले को चुनौती तो नहीं दे सकता लेकिन यह ठीक नहीं हुआ। बल्कि उनको इस मामले के समाधान के लिए मोदी जी से बात करनी चाहिए थी। क्योंकि वह एक बुजुर्ग नेता है और बड़े नेता है।

प्रश्न : आने वाले समय में पंजाब में चुनाव है। क्या आप नहीं मानते कि पंजाब में अब चुनाव लड़ना एक चुनौती रहेगा?
उत्तर : 
कार्यकर्ता होने के नाते मैंने जो भारतीय जनता पार्टी में सीखा, भारतीय जनता पार्टी की हमेशा से यह नीति रही है कि कोई साथ चलेगा, तो उसके साथ मिलकर चलेंगे और अगर कोई साथ नहीं चलेगा तो अकेले चलेंगे और अगर कोई हमारा विरोध करता है तो फिर भी विरोध को सहन करते हुए भी हम आगे बढ़ेंगे और कमल का फूल खिलाएंगे।

प्रश्न : गठबंधन सरकार के सहयोगी दो विधायक अलग से डफली बजा रहे हैं। अब गठबंधन के नेता अजय चौटाला और दिग्विजय चौटाला ने भी एम.एस.पी. लिखकर देने की वकालत की है। ऐसे बयानों को क्या मानते हैं?
उत्तर : 
सारी चीजें लीडरशिप के संज्ञान में है और जो बातें नीचे से आती हैं, हम उन बातों को नेतृत्व के सामने रखते हैं। फैसला उन्हीं को लेना है। हम तो पार्टी के सेल्समैन हैं। जो पार्टी की गाइडलाइन आती हैं हमें तो उस पर ही चलना होता है।

प्रश्न : जे.जे.पी. पर खापों और जाट बहुल क्षेत्रों का दबाव बढ़ रहा है। जे.जे.पी. के 10 विधायकों के कारण भा.ज.पा. सत्ता में है। क्या सरकार को कोई खतरा नजर आ रहा है?
उत्तर : 
किसी भी कीमत पर, कहीं पर भी कोई खतरा नहीं है। सरकार चट्टान की तरह मजबूत है। मिलकर काम करेंगे और दुष्यंत जी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।

प्रश्न : दिग्विजय चौटाला मैं आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की और दिल्ली कूच के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग की?
उत्तर : 
मनोहर लाल जी मुख्यमंत्री हैं और दिग्विजय के भाई उप मुख्यमंत्री हैं। 1 सेकंड भी नहीं लगेगा, वह जो भी सोच समझ कर फैसला लेंगे। हम डफली बजा देंगे।

प्रश्न : दिग्विजय ने एम.एस.पी. को लेकर किसानों की सुनवाई करने की बात भी कही है?
उत्तर : 
आज तक एम.एस.पी. एडमिनिस्ट्रेटिव फैसला था और राजनीति से प्रेरित होकर, कांग्रेस की चालों के अंतर्गत आकर बेवजह का मुद्दा एम.एस.पी. का उठाया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद मोदी जी जो निर्णय लेंगे। उस निर्णय को हम स्वीकार करेंगे।

प्रश्न : कृषि कानूनों के विरोध में राजनीति गरमाई हुई है और हरियाणा उस का जमावड़ा बना हुआ है। इन स्थितियों से कब तक निकला जा सकेगा?
उत्तर : 
कुछ तो कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाल रहा है। कारोबारो पर भी खासा असर है। एक कृषि सेक्टर बचा था। जिसने बहुत बेहतरीन परफॉर्मेंस देश को करोना काल में दी थी और मोदी जी ने भी किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए 90,000 करोड की अभी रियायत दी और 1,60,0000 करोड रुपए कृषि ऋण के रूप में किसानों को दिए और अनेक योजनाओं के तहत हर प्रकार की सब्सिडी इत्यादि भी हमारी सरकार ने किसानों को देने का काम किया। अगर इन परिस्थितियों के बाद भी कोई देश का माहौल बिगाड़ना चाहता है। तो फिर भगवान ही मालिक है।

प्रश्न : अंबाला में उद्घाटन के दौरान ऐसी क्या परिस्थितियां बनी कि आपको लोगों ने काले झंडे दिखाए गए?
उत्तर : 
जंडली पुल पर अंडर ब्रिज समेत करीब आठ अंडर पास और ओवरब्रिज को लेकर मैंने केंद्रीय मंत्री, डी.एम. और डी.आर.एम. से बात करके जिसमें 80 करोड की लागत आनी थी उनका शिलान्यास करने का कार्यक्रम था। जिन्हें पास करवाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की थी और जब मैंने पांच-सात लोगों को काले झंडे लिए देखा, तो मुझे अच्छा नहीं लगा।किसानों के बारे में कोई गलत टिप्पणी करने का मेरा इरादा नहीं था। किसान मेरे भगवान हैं, देश के अन्नदाता है और वह देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं।

प्रश्न : तीन कृषि कानूनों को लेकर आपकी बतौर एक वकील और मंत्री क्या निजी राय है?
उत्तर : 
बहुत बेहतरीन कानून देश के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी ने बनाए हैं। जो कि किसान की किस्मत को बदल कर रख देंगे। डेढ़ गुना मूल्य किसानों को उनकी फसलों का मिल चुका है और 2022 तक दोगुना मूल्य मिल सकेगा। इस प्रकार की फसलों का उत्पादन होगा जो कि किसानों की झोली भर देंगी।

 

                 

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