विजिलेंस की छापेमारी के भय से बिजली निगम की बढ़ रही रिकवरी, डिफाल्टरों पर भी कसा जा रहा शिकंजा

Edited By Isha, Updated: 08 Oct, 2020 03:20 PM

electricity corporation s increasing recovery due to fear of raid of vigilance

बिजली चोरी कर रहे व लंबे समय से बिजली बिल नहीं भर रहे उभोक्ताओं पर बिजली निगम शिकंजा कसने की तैयारी कर चूका है। इसके लिए विजिलेंस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विजिलेंस की टीम बिजली चोरी पकडऩे के साथ साथ उन लोगों पर कार्रवाई कर रही

रादौर(कुलदीप सैनी): बिजली चोरी कर रहे व लंबे समय से बिजली बिल नहीं भर रहे उभोक्ताओं पर बिजली निगम शिकंजा कसने की तैयारी कर चूका है। इसके लिए विजिलेंस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विजिलेंस की टीम बिजली चोरी पकडऩे के साथ साथ उन लोगों पर कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने लंबे समय से अपना बिजली बिल नहीं अदा किया है। निगम द्वारा ऐसे उपभोक्ताओ को अपने रिकॉर्ड में डिफाल्टर घोषित किया हुआ है। लेकिन अगर अब यह बिल नहीं भरेंगे तो इनका बिजली कनेक्शन कटना तय है। विजिलेंस की टीम प्रतिदिन क्षेत्र के गांवों में छापेमारी कर रही है। टीम के साथ बिजली निगम रादौर के अधिकारी व पुलिस भी मौजूद रहती है। 

बिजली निगम रादौर के एसडीओ शमशेर सिंह का कहना है कि सरकार की और से बिजली बिल न भरने वाले लोगों पर सख्ती करने के आदेश है दिए गए है। जिसके तहत विजिलेंस टीम ने एक्टिविटी शुरू कर दी है। दिन रात छापेमारी की जा रही है। जिन्होंने लंबे समय से बिजली बिल नहीं भरा उनके कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है।बिजली बिल न भरने वालों के कनेक्शन काटे जा रहे है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील कि की वह समय रहते अपना बिजली बिल भरें, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा की बिजली चोरी पकडऩे व जो उपभोक्ता लंबे समय से बिजली बिल नहीं भर रहे उनके खिलाफ सरकारी की और से सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए है। टीम के साथ मिल दिन रात छापेमारी कर कार्रवाई की जा रही है।

बिजली निगम रादौर से मिले आंकडों के अनुसार ऐसे कई उपभोक्ता है, जो लंबे समय से बिजली बिल नहीं भर रहे। ऐसे उपभोक्ताओं पर हजारों से लेकर लाखों रूपए का बिजली बिल बकाया है। लंबे समय से बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं को बिजली निगम ने अपने रिकॉर्ड में डिफाल्टर घोषित कर दिया है। बिजली निगम रादौर में घरेलू फीडर से जुड़े करीब 39 हजार उपभोक्ता है। जिसमें 4200 उपभोक्ता लंबे समय से अपना बिजली बिल नहीं भर रहे। इन पर करीब 8 करोड़ रूपए का बिजली बिल बकाया है। जो अब निगम के रिकॉर्ड में डिफाल्टर हो चुके है। वहीं कृषि से जुड़े करीब 77०० उपभोक्ता है। जिसमें 216 उपभोक्ता लंबे समय से बिजली बिल नहीं भर रहे। जिन्हें जो निगम के रिकॉर्ड में डिफाल्टर हो चुके है। इनके ऊपर करीब 46 लाख रूपए का बिजली बिल बकाया है। वही डिफाल्टरों में सरकारी महकमे  नहीं है। उन पर भी निगम का करोड़ रुपए बकाया है। 


 

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