नोटिस का असर : दुकानदारों ने जमा करवाया 20 लाख किराया, इन पर करीब 1.25 करोड़ बकाया

Edited By Manisha rana, Updated: 08 Mar, 2021 08:33 AM

effect of notice shopkeepers deposit 20 lakhs rent

नगर निगम की दुकानों के किराए पर कुंडली मारे बैठे दुकानदारों ने पैसे जमा करवाने शुरू कर दिए हैं। नोटिस का असर साफ तौर पर दिखने लगा है। इस सख्ती के बाद निगम के खजाने में करीब 20 लाख का किराया जमा हो चुका...

करनाल : नगर निगम की दुकानों के किराए पर कुंडली मारे बैठे दुकानदारों ने पैसे जमा करवाने शुरू कर दिए हैं। नोटिस का असर साफ तौर पर दिखने लगा है। इस सख्ती के बाद निगम के खजाने में करीब 20 लाख का किराया जमा हो चुका है।बाकी के कुछ  दुकानदार भी अपने हिसाब किताब के मिलान में जुट गए हैं। फरवरी में ऐसे 251 दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए थे। इन पर करीब 1.25 करोड़ किराया पैंडिंग था। इनमें से करीब 100 दुकानदार ऐसे हैं जिन्होंने सालों से किराया जमा नहीं करवाया। लाखों रुपए पैंडिंग होने पर निगम ने इन्हें डिफाल्टरों की सूची में रखा है। निगम के नोटिस से इनमें खलबली मच गई है। अब इन्हें डर है कि कहीं निगम अपनी दुकानें ही खाली न करवा ले।

इधर, निगम अधिकारियों ने अपील की कि दुकानदार अपना किराया जल्द से जल्द जमा करवा दें। जो ऐसा नहीं करेगा उसको निगम की तरफ से दोबारा नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके बाद आगामी कार्रवाई से भी नहीं चूकेंगे। साफ है कि नगर निगम इस मामले में अब और ढील नहीं देगा। निगम करीब 3 महीने पहले 7 दुकानें सील कर चुका है। इसके तुरंत बाद 24 लाख रुपए दुकानदारों ने जमा करवा दिए थे। 

653 दुकानें निगम की आमदनी का जरिया 
नगर निगम की करनाल में स्थित 653 दुकानें आमदनी का बड़ा जरिया हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में निगम इसके जरिए 1.45 करोड़ रुपए की इंकम जुटा चुका है। दुकानों का लोकेशन के हिसाब से किराया है। यह 600 से शुरू होकर 35 हजार रुपए तक है। कमेटी चौक की दुकानों से सबसे कम किराया वसूला जाता है। बकि बस स्टैंड एरिया में स्थित निगम की दुकानों का किराया सबसे अधिक है।  

बड़े डिफाल्टरों पर निगम का फोकस 
नगर निगम की नजर 100 बड़े डिफाल्टरों पर है। क्योंकि इन्होंने सालों से किराया जमा नहीं करवाया है। इनमें से 20 ऐसे भी हैं जो अक्सर दुकानें बंद ही रखते हैं। निगम की टीम ने इन पर फोकस कर लिया है, ताकि बड़ी रिकवरी कर निगम की आमदनी बढ़ाई जा सके। इन दुकानदारों ने नोटिस के बाद भी अभी तक किराया नहीं दिया है। अब निगम इन्हें दोबारा नोटिस भेजेगा। इसक बाद इन पर कड़ा संज्ञान लिया जा सकता है।  

किराये से आमदनी का नया कीर्तिमान 
नगर निगम ने इस बार दुकानों के किराये के मामले में आमदनी के पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक निगम करीब 1.45 करोड़ रुपए जुटा चुका है। मार्च के आगामी दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। 2014-15 में 67.14 लाख आए थे। 2015-16 में 95.47 लाख इसके बाद 2016-17 में 82.91 लाख की आमदनी किराये हुई थी। 2017-18 में 1.10 करोड़ और 2019-20 में 1.05 करोड़ की अच्छी रिकवरी करने में निगम कामयाब रहा था। निगम के क्लर्क जितेंद्र मलिक व उनकी टीम ने इस बार पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।   

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