Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 05 Feb, 2025 11:52 AM
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अमीरा प्योर फूड प्राइवेट लिमिटेड ग्रुप पर 1201.85 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। नई दिल्ली की विशेष पीएमएलए (पीएमएलए) अदालत ने गत 31 जनवरी 2025 को इस मामले में संज्ञान लिया।
गुड़गांव, (ब्यूरो): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अमीरा प्योर फूड प्राइवेट लिमिटेड ग्रुप पर 1201.85 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। नई दिल्ली की विशेष पीएमएलए (पीएमएलए) अदालत ने गत 31 जनवरी 2025 को इस मामले में संज्ञान लिया। ईडी ने कंपनी की 1.01 करोड़ रुपए की अघोषित नकदी व 131.5 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थाई रूप से अटैच किया है। ईडी ने इस मामले में करन ए चनाना, राधिका चनाना, अनीता डिंग, अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड व अन्य के खिलाफ 6 दिसंबर 2024 को दिल्ली की विशेष पीएमएलए अदालत में (पीसी) केस दाखिल किया था।
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सीबीआई (सीबीआई) की एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी। अमीरा ग्रुप और इसके निदेशकों पर बैंकों से धोखाधड़ी कर लोन लेने और गबन करने का आरोप है। कैनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह को करीब 1201.85 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। आरोपियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और बैंक लोन हेराफेरी के गंभीर आरोप लगे हैं। ईडी के अनुसार आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
ईडी की छापेमारी और 131.5 करोड़ की संपत्ति अटैच
पीएमएलए 2002 के तहत देशभर में कई ठिकानों पर ईडी द्वारा छापेमारी की गई। इस दौरान ईडी की टीमों ने करीब 1.01 करोड़ रुपए की अघोषित नकदी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। 131.5 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया, जिनमें हरियाणा के करनाल और फरीदाबाद में जमीन, दिल्ली व गुरुग्राम में आरोपियों के आलीशान घर शामिल हैं।
विदेश में भी हो रही जांच:
इस मामले में गत 8 अक्टूबर 2024 को अपर्णा पुरी और राहुल सूद को गिरफ्तार किया गया था। दोनों आरोपी अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और प्रमुख प्रबंधकीय अधिकारी रहे थे। ईडी ने जांच में पाया कि लोन की रकम को फर्जी (शेल कंपनियों) कंपनियों के जरिए हेरफेर किया गया। यही वजह है कि इस मामले में यूके और यूएई में भी आरोपियों और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच की जा रही है। ईडी ने कहा है कि इस मामले की जांच अभी की जा रही है। वहीं घोटाले से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। ईडी ने साफ किया है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।