Edited By vinod kumar, Updated: 06 Dec, 2019 11:29 AM
हरियाणा में भाजपा सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी अब अपना राजनीतिक विस्तार करेगी। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा की निगाह अगले दो माह में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। जजपा वहां भाजपा के साथ मिलकर चुनावी दस्तक दे...
चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में भाजपा सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी अब अपना राजनीतिक विस्तार करेगी। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा की निगाह अगले दो माह में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। जजपा वहां भाजपा के साथ मिलकर चुनावी दस्तक दे सकती है। इसके लिए दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है।
दिल्ली में विस चुनाव का कार्यक्रम अगले माह घोषित हो सकता है। वहां 15 फरवरी से पहले चुनाव होने हैं। दिल्ली में आउटर एरिया की 15 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर जजपा चुनाव लडऩे का इरादा रखती है। इनमें आधा दर्जन सीटें जाट बाहुल्य हैं। दिल्ली में चुनाव के लिए गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर दुष्यंत की शीर्ष नेतृत्व से बातचीत चल रही है। बात बनी तो भाजपा जजपा को नजफगढ़, मटियाला, पालम, बिजवासन, मुंडका व नरेला में से कोई चार सीटें दे सकती है। भाजपा के साथ बात नहीं बनने की स्थिति में जजपा अकेले ही आउटर दिल्ली की करीब एक दर्जन सीटों पर ताल ठोंक सकती है।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश पर भी रहेगा फोकस
दिल्ली में विस चुनाव के बाद दुष्यंत का फोकस राजस्थान और उत्तर प्रदेश पर भी रहेगा। दोनों राज्यों में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इनेलो पहले चुनाव लड़ चुकी है।
1998 में मिलकर लड़ चुके भाजपा और इनेलो
दिल्ली में भाजपा व इनेलो 1998 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ चुके हैं। उस समय भाजपा ने इनेलो को नजफगढ़, महीपालपुर और बवाना तीन सीटें दी थी। इनमें बवाना आरक्षित विधानसभा सीट थी। हालांकि इनेलो तीनों सीटों पर चुनाव नहीं जीत पाई, लेकिन 2008 में नजफगढ़ से इनेलो की टिकट पर भरत सिंह पहली बार विधायक चुने गए थे।
हरियाणा में एक साथ चले थे केजरीवाल और दुष्यंत
दिल्ली में जिस आम आदमी पार्टी के खिलाफ जजपा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है, वह हरियाणा में जजपा के साथ मिलकर दो चुनाव लड़ चुकी है। जींद उपचुनाव में आप व जजपा का गठबंधन हुआ था।