Edited By Manisha rana, Updated: 04 Oct, 2023 12:12 PM

ऊंची दुकान फीके पकवान, ये कहावत तो अपने सुनी ही होगी। इस कहावत को एक बार फिर सच करने का काम किया अंतरराष्ट्रीय बेकरी की फ्रैंचाइजी "निक बेकर्स" ने। पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित निक बेकर्स द्वारा पीजीआई की वैज्ञानिक को खराब केक बेचने और उनके 3 साल के...
पंचकूला (उमंग) : ऊंची दुकान फीके पकवान, ये कहावत तो अपने सुनी ही होगी। इस कहावत को एक बार फिर सच करने का काम किया अंतरराष्ट्रीय बेकरी की फ्रैंचाइजी "निक बेकर्स" ने। पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित निक बेकर्स द्वारा पीजीआई की वैज्ञानिक को खराब केक बेचने और उनके 3 साल के बेटे की सेहत से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है।वहीं खराब केक बेचने पर जिला उपभोक्ता निवारण आयोग ने पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित निक बेकर्स पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
शिकायतकर्ता डॉ अंजू ने बताया कि वह पीजीआई में वैज्ञानिक हैं। 26 जून 2019 को अपने बेटे के जन्मदिन मनाने के लिए पंचकूला सेक्टर 5 स्थित निक बेकर्स को केक का ऑर्डर दिया था। 3 जुलाई 2019 को केक लेने के लिए सेक्टर-5 स्थित निक बेकर्स की दुकान पर गई। उसी दिन उनके परिवार के लोग जन्मदिन मनाने के लिए उनके घर पर एकजुट हुए। केक कटिंग सेरेमनी के दौरान शिकायतकर्ता को और उसके परिजनों को महसूस हुआ कि केक में कलर मिला है। केक को पकड़ने पर उनके हाथों पर लाल निशान पड़ गए। जब वह बच्चों को केक देने लगे तो केक खाने लायक नहीं था। किसी भी मेहमान ने केक नहीं खाया। उस रात केक में मिले रंग का मिलावट रंग दिखने लगी। उनके बेटे को उल्टी होने लगी और वह दर्द से रोने लगा उनके बेटे को दस्त लग गए। अगले दिन जब वह सुबह डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने बताया कि अनहाइजीन फूड खाने से हुई फूड पॉइजनिंग के कारण ऐसा हुआ है।
शिकायतकर्ता ने 3 जुलाई 2019 की रात को निक बेकर्स को इसकी शिकायत की तो उन्होंने अपनी गलती मानने की बजाए आक्रामक तरीके से दुर्व्यवहार किया। इसके अलावा भी शिकायतकर्ता ने कई बार ईमेल के जरिए निक बेकर्स को शिकायत की। निक बेकर्स की तरफ से कोई भी सही जवाब नहीं मिला। शिकायतकर्ता ने मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचने पर उपभोक्ता आयोग को शिकायत दी थी। उपभोक्ता आयोग ने केक के 3,186 रुपये नौ प्रतिशत ब्याज सहित शिकायतकर्ता को लौटाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही मानसिक और आर्थिक नुकसान के लिए दस हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। उपभोक्ता आयोग ने मुआवजे की राशि 45 दिनों के अंदर शिकायतकर्ता और पीजीआई गरीब रोग कल्याण कोष को देने के आदेश दिए हैं। अदालत के आदेशों की पालना न करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 71,72 के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
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