हमें डराते थे-धमकाते थे चाचा अभय, दादा चौटाला को बाईपास कर बनना चाहते थे मुख्यमंत्रीः दिग्विजय

Edited By Saurabh Pal, Updated: 08 Jan, 2024 07:08 PM

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उचाना से इनेलो का एक ऐलान ने जजपा को फ्लैशबैक पर जाने को मजबूर कर दिया। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अबकी बार उचाना की सीट से इनेलो का सीएम उम्मीदवार चुनावी रण में होगा...

सिरसा(सतनाम सिंह): उचाना से इनेलो का एक ऐलान ने जजपा को फ्लैशबैक पर जाने को मजबूर कर दिया। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अबकी बार उचाना की सीट से इनेलो का सीएम उम्मीदवार चुनावी रण में होगा। इसके इसके जवाब में पहले तो जजपा के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला हंसने लगे, मगर जवाब देते-देते जनाब फ्लैशबैक में चले गए और इतना दूर निकल गए जब वो खुद इनेलो का झंडा और डंडा उठाए घूमा किया करते थे।

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इस वजह से टूटी इनेलो

सालों बाद दिग्विजय सिंह चौटाला जिस बात का खुलासा आज कर रहे हैं, वो बात दरअसल 5 साल पुरानी 2018 की है, जब ओपी चौटाला, अजय सिंह चौटाला दोनों पिता-पुत्र जेल में थे। उस समय दुष्यंत-दिग्विजय व उनका पूरा कुनबा इनेलो का ही हिस्सा था। अक्टूबर महीने में गोहाना में हुई एक रैली में परिवार की कलह सामने आई। जिसमें सरेआम अभय चौटाला की हूंटिंग हुई थी और दुष्यंत के समर्थन में भावी मुख्यमंत्री के नारे लगे थे। यहीं से विवाद शुरु हुआ था और यहीं से विवाद खुलकर सामने भी आया, लेकिन ये विवाद बढ़ते-बढ़ते अनुशासन की सारी सीमाएं लांघ गया और नतीजा ये रहा कि अजय सिंह चौटाला के पूरे परिवार को इनेलो से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जिसके बाद अजय सिंह के नेतृत्व में एक नई पार्टी बनी जेजेपी और ऐसे इनेलो में दो फाड़ हो गया। खैर, वो दिन तो गुजर गया, लेकिन चौटाला परिवार की ये दोनों पार्टियां आज फिर से आमने सामने आ चुकी हैं। क्योंकि उचाना से दुष्यंत मौजूदा विधायक हैं, जेजेपी के सीएम फेस भी हैं,  ऐसे में उचाना से ही अभय का सीएम उम्मीदवार उतारने का ऐलान नई जंग का कारण बन चुका है।

अभय को सपने में आते हैं दुष्यंतः चौटाला

दिग्विजय ने कहा कि अभय सिंह अपने पिता ओपी चौटाला को बाईपास कर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे और जब हम उनके समर्थन में नारे लगाते थे, तो वह कमरे में बुलाकर धमकाते थे, फटकारते थे। जो हमें किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं था। दिग्विजय ये भी कहते हैं, सालों बाद भी और अलग राह होने के बावजूद अभय की आंखों में दुष्यंत खटकते हैं।  उन्हें नींद में भी दुष्यंत दिखते हैं और ये बीमारी केवल अभय को ही नहीं बल्कि बीरेंद्र सिंह, बलराज कुंडू और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी है। जोकि एकजुट होकर गुपचुप बैठकें कर रहे हैं और दुष्यंत को उचाना से हराने की योजना बना रहे हैं।

विरोधियों की सारे षडयंत्र होंगे ध्वस्तः दिग्विजय

इनेलो कहती है अबकी बार जजपा का सूपड़ा साफ होगा और जजपा कहती है कि अबकी बार इनेलो का ऐसा हाल होगा कि लोग कहेंगे एक थी इनेलो। दावों और वार पलटवार का दौर दोनों ओर से जबरदस्त है, लेकिन दिग्विजय की माने तो हरियाणा में भाजपा और जजपा मिलकर आगामी चुनाव लड़ेंगे और उचाना की जनता दुष्यंत को इस बार 50 हजार से भी ज्यादा वोटों से जिताकर विधानसभा भेजेगी। जिसके बाद विरोधियों की सारे षडयंत्र ध्वस्त होंगे।

जेजेपी को विश्वास नहीं टूटेगा गठबंधन

बता दें कि, इनेलो से अलग होकर जजपा ने 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा था और नारा लगाया था अबकी बार भाजपा जमुना पार,  लेकिन चुनावी नतीजों में बहुमत किसी भी पार्टी का नहीं आया। जिसके बाद जजपा ने भाजपा को समर्थन देकर सरकार बना ली। पिछले 4 सालों से हरियाणा में भाजपा-जजपा मिलकर सरकार चला रहीं हैं। हालांकि, चुनावों से पहले गठबंधन टूटने की चर्चाएं जोरों पर हैं, मगर जजपा को विश्वास है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव गठबंधन के साथ ही लड़ेंगे। जिसमें केंद्र और राज्य में फिर से जीत का परचम लहराएंगे।

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