Edited By Vivek Rai, Updated: 20 Jul, 2022 02:46 PM
भारी बरसात के कारण जब नदियां उफान पर हैं, तब बच्चों को जान हथेली पर रखकर नदी को पार करना पड़ता है। इस कारण अभिभावकों की चिंता भी काफी बढ़ जाती है।
पंचकूला(उमंग): जिले के मोरनी खंड की कूदना पंचायत के करीब आधा दर्जन गांव में बरसाती नदी पर पुल ना होने के चलते ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ रहा है। भारी बरसात के कारण जब नदियां उफान पर हैं, तब बच्चों को जान हथेली पर रखकर नदी को पार करना पड़ता है। इस कारण अभिभावकों की चिंता भी काफी बढ़ जाती है। छुट्टी के समय अभिभावकों को नदी किनारे खड़े होकर अपने बच्चों का इंतजार करना पड़ता है। छोटे बच्चों को नदी पार करवाने के लिए अभिभावक नदी किनारे बच्चों की राह तांकते दिखाई देते हैं।
बरसाती मौसम में नदी पार करते हुए हो सकता है हादसा
ग्रामीण यशवंत शर्मा ने बताया कि बाबर वाली नदी पर पुल नहीं होने के कारण गांव बाबड वाली, बाग वाली, मथाना और दूदलादी गांव के स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जब नदी उफान पर होती है तो उन्हें अपने बच्चों को नदी पार करने के लिए नदी किनारे खड़े होकर उनका इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बरसाती मौसम में नदी पार करते वक्त कोई भी अनहोनी हो सकती है। लेकिन ग्रामीणों की चिंता से बेफिक्र प्रशासन इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है।
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