Edited By Deepak Kumar, Updated: 09 Jan, 2025 06:18 PM
लोहारू के गांव फरटियां में दलित छात्रा आत्महत्या मामले में बुधवार को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट देवेन्द्र कुमार की अदालत ने मामले के जांच अधिकारी को नोटिस जारी करके केस की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।
भिवानी (अशोक भारद्वाज): लोहारू के गांव फरटियां में दलित छात्रा आत्महत्या मामले में बुधवार को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट देवेन्द्र कुमार की अदालत ने मामले के जांच अधिकारी को नोटिस जारी करके केस की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इससे पहले पीड़ित पिता के वकील रजत कल्सन ने लोहारू के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार की अदालत में याचिका दायर कर पुलिस पर आरोप लगाया कि इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस राजनीतिक और सामाजिक दबाव में है। इसमें मुख्य आरोपी स्थानीय विधायक है और स्थानीय विधायक व खाप पंचायत के दबाव में पुलिस सही तरीके से जांच नहीं कर रही है। बार-बार थानों के चक्कर लगाने के बावजूद भी उन्हें केस की वास्तविक स्थिति के बारे में नहीं बताया जा रहा है।
अधिवक्ता रजत कल्सन ने कहा कि पुलिस की जांच के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने साकिरी बसु बनाम उत्तर प्रदेश के मामले में जारी गाइडलाइन में निर्धारित किया है कि मजिस्ट्रेट को अपने क्षेत्राधिकार के तहत दर्ज मामलों की जांच को मॉनिटर करने का अधिकार है। यही नहीं मजिस्ट्रेट जांच अधिकारी को ईमानदारी से जांच करने का आदेश तक दे सकते हैं।
अधिवक्ता कलसन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की उपरोक्त गाइडलाइन और अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम की धारा 15 ए के प्रावधानों के अंतर्गत उन्होंने लोहारु के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर कर अदालत से मांग की थी कि जांच अधिकारी को नोटिस जारी कर मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की जाए ताकि पीड़ित पक्ष को पता चल सके कि उनके द्वारा दर्ज मुकदमे में पुलिस ने आज तक क्या प्रगति की है।
16 जनवरी को पुलिस पेश करेगी मामले की स्टेटस रिपोर्ट
लोहारू के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार ने पीड़ित पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थानीय पुलिस को नोटिस जारी किया और 16 जनवरी को उन्हें मामले की स्टेटस रिपोर्ट अदालत के सामने रखने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अभी तक पुलिस ने राहुल और हनुमान को गिरफ्तार किया है। अधिवक्ता कल्सन ने बताया कि इस मामले में पुलिस 16 जनवरी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी और स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से मामले की प्रगति का पता चलेगा, अगर पीड़ित पक्ष की इसकी जांच से संतुष्ट नहीं होता है तो इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट की सुपरविजन में एसआईटी का गठन करने की मांग की जाएगी, ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके।
ये है पूरा मामला
गौर है कि गांव फरटिया के जगदीश ने पुलिस में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी पुत्री दीक्षा सिंघानी शारदा कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा थी। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिसके चलते वह अपनी बेटी दीक्षा की फीस समय पर नहीं जमा कर सका। इसके कारण उसकी बेटी को 5वें सेमेस्टर का पेपर नहीं देने दिया गया, जिसके चलते उसकी बेटी तनाव में रहने लगी। इस कॉलेज को हनुमान निवासी गांव श्याम कला संभालता है, जिसके बेटे राहुल और बेटी जिसका नाम मालूम नहीं व प्रिंसिपल ने फीस न जमा करने की एवज में उसकी बेटी पर गलत काम करने के लिए दबाब बनाना शुरू कर दिया। हनुमान का बेटा राहुल उसकी बेटी को परेशान करता था और अपने साथ चलने के लिए दबाब बनाता था। 24 दिसंबर को 9 बजे राहुल ने उसकी बेटी के पास कई बार फोन किया जिसे परेशान होकर उसकी बेटी ने आत्महत्या कर ली।
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