सवर्ण आरक्षण के बाद ‘धरतीपुत्रों’ को ‘लुभाने की कोशिश’

Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Jan, 2019 10:54 AM

after the reservation of the  dhartiputras   try to entice

3 राज्यों में सत्ता खोने के बाद भाजपा हाईकमान ने विधानसभा व लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए हैं। देशभर में 10 प्रतिशत सवर्ण जातियों को आरक्षण देने का बड़ा दांव चलते हुए अब भाजपा आलाकमान ने देश भर के किसानों को साधने का काम शुरू...

पानीपत(सुरजीत खर्ब): 3 राज्यों में सत्ता खोने के बाद भाजपा हाईकमान ने विधानसभा व लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए हैं। देशभर में 10 प्रतिशत सवर्ण जातियों को आरक्षण देने का बड़ा दांव चलते हुए अब भाजपा आलाकमान ने देश भर के किसानों को साधने का काम शुरू कर दिया है। करोड़ों किसानों को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा ने इसकी शुरूआत हरियाणा से की है।

किसानों को किसान पैंशन देने की योजना को लेकर भाजपा हरियाणा में कमेटी गठित कर 2 बैठकें कर चुकी है।भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के नेतृत्व में बनाई कमेटी ने किसानों को मासिक पैंशन देने का मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपने की तैयारी कर ली है।गौरतलब है कि भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अधिकतर शहरी सीटों पर जीत हासिल करते हुए ग्रामीण इलाकों में भी खाता खोला था, लेकिन पिछले कई सालों से किसानों की बढ़ती जा रही नाराजगी को देखते हुए अब भाजपा ने किसान वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए किसानों को साधने की तैयारी अभी से कर दी है। राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में भी किसान वर्ग ने भाजपा की बजाय कांग्रेस को ज्यादा वोट दिए हैं। 

जींद विधानसभा चुनाव से पहले हो सकती है बड़ी घोषणा
माना जा रहा है कि हरियाणा स्तर की किसान पैंशन घोषणा को भाजपा जींद विधानसभा के उपचुनाव से पहले कर सकती है। भाजपा की गठित कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला व पानीपत ग्रामीण हलके के विधायक महिपाल ढांडा सहित अन्य सदस्यों ने इसका मसौदा तैयार किया है। यदि भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले यह घोषणा कर देती हैं तो यह एक बहुत बड़ा फैसला होगा। इससे किसान वर्ग कुछ हद तक भाजपा की तरफ  आ भी सकते हैं, लेकिन जब तक किसानों को इसका पूरा गुणा भाग समझ नहीं आता तब तक किसान वर्ग भी भाजपा की तरफ  आने से संकोच करेगा। पहले ही किसानों को फसल का पूरा दाम नहीं मिल रहा जिस कारण किसान वर्ग सरकार से नाराज है।

भूपेंद्र हुड्डा ने किए थे किसानों के 1600 करोड़ माफ 
2005 में कांग्रेस की सरकार आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के 1600 करोड़ रुपए माफ  किए थे। इससे किसान वर्ग कांग्रेस की तरफ  झुक गया था। वहीं, आरक्षण को लेकर भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहल की थी लेकिन अब एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने घोषणा कर दी है कि यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो किसानों और खेतिहर मजदूरों के कर्जे 6 घंटे के अंदर माफ  कर दिए जाएंगे। बुढ़ापा पैंशन भी 3000 शुरू कर दी जाएगी इसको लेकर भाजपा भी सकते में है यही कारण है कि भाजपा ने भी किसानों को रिझाने का काम शुरू कर दिया है

आॢथक रूप से मजबूत होगा किसान : बराला
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि किसानों की कर्जामाफी तो एक बार का काम है। यदि किसानों की पैंशन लागू हो जाती है तो किसान आॢथक रूप से मजबूत होगा तथा अपनी आॢथक जरूरतें पूरी करने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेगा। किसानों की पैंशन को लेकर हम काम कर रहे हैं। जल्द ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।

कमेटी में शामिल किए जाएं किसान प्रतिनिधि : मानभारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि हम पिछले 4-5 साल से किसान पैंशन की मांग करते आ रहे हैं। अब सरकार ने कमेटी बनाई है लेकिन हमारी मांग है कि सरकारी कमेटी में किसान वर्ग के 2 सदस्य शामिल किए जाएं ताकि योजना का गुणा दोष का पता रहें। जब किसानों का प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा तो किसान को लाभ होने के चांस कम है। 60 साल की आयु पूरी होने पर किसान को 5 लाख रुपए एकमुश्त दिए जाए क्योंकि इस उम्र में किसान भी खेती से रिटायर हो जाता है।

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