Edited By Isha, Updated: 04 Feb, 2021 11:30 AM
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में एक ओर जहां सरकार और पार्टी के लोग इस बजट को काफी संतोषजनक बता रहे हैं। वहीं विपक्षी पार्टियों से जुड़े लोग इस बजट को एक निरस्त और असंतोष जनक बजट बता रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब केसरी ने...
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में एक ओर जहां सरकार और पार्टी के लोग इस बजट को काफी संतोषजनक बता रहे हैं। वहीं विपक्षी पार्टियों से जुड़े लोग इस बजट को एक निरस्त और असंतोष जनक बजट बता रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब केसरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मीडिया सलाहकार रहे केवल ढींगरा से विशेष बातचीत की।केवल ढींगरा इस समय कांग्रेस के प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने कहा की सरकार की नीति हर विभाग को प्राइवेट करना है। जिसका भारी नुकसान जनता को हो रहा है। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-
प्रशन:- केंद्र सरकार के इस बजट को कैसे देखते हैं ?
उत्तर:- यह एक निरस्त बजट है। लोग इनकम टैक्स में एक राहत की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन 2013-2014 में जो टैक्स में छूट कांग्रेस छोड़ कर गई थी, वही सेम छूट 2021-22 में देखने को मिल रही है। मुझे लगता है कि यह सरकार लोगों को छूट देना नहीं चाहती। इसलिए 6-7 साल में बिल्कुल छूट देने का काम नहीं किया गया। लेकिन महंगाई इन सालों में आसमान को छू रही है।
प्रशन:- लेकिन आप देखें कि हेल्थ के बजट में काफी बढ़ोतरी की गई है ?
उत्तर:- 35 हजार करोड़ रुपए का कोरोना वैक्सीन के लिए प्रावधान जरूर किया गया है। लेकिन इतना बजट इतने बड़े देश के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़े बजट की जरूरत थी। लेकिन सरकार इसके लिए भी ज्यादा गंभीर नजर नहीं आई। इसके साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में आज लोग सड़कों पर हैं। एफसीआई मंडियों को लेकर हाथ खींच रही है। तीन काले कानून किसानों को लूटने के लिए बनाए गए हैं। सड़क-बिजली को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गई। लेकिन सभी को यह सरकार प्राइवेट करना चाह रही है। रेलवे, बीएसएनएल, बीपीसीएल, इंडियन ऑयल, एयरपोर्ट कई चीजें फॉर सेल कर दी गई है। प्राइवेट लोगों को बेचने का काम किया जा रहा है।
प्रशन:- इसके अलावा बजट में और क्या खास देखते हैं ?
उत्तर:- इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश आएगा। एफबीआई में विदेशी निवेश आएगा। 2014 से लेकर अब तक जितना विदेशी निवेश यह ला सके यह लाए। देश की और प्रदेशों की सरकारों द्वारा कितना विदेशी निवेश लाया गया यह हैरानी की बात है। अगर सड़कें और बिजली तक आप प्राइवेटाइज कर देंगे तो आप समझ सकते हैं कि इनकी सरकार देश के बारे में किस प्रकार की सोच रखती है। यानि अगर साफ तौर पर कहा जाए तो इन्होंने किसी को भी कोई रियायत नहीं दी है।
प्रशन:- एजुकेशन में आपके हिसाब से क्या नई चीज की गई है ?
उत्तर:- इन्हें यह देखना चाहिए कि इन्होंने कितने स्कूल बंद कर दिए। 6-7 सालों में केवल हरियाणा प्रदेश में ही 2000 स्कूल बंद कर दिए। प्रधानमंत्री की अपनी स्टेट गुजरात में तीन से चार हजार स्कूल बंद कर दिए गए। यह कह रहे हैं कि स्कूल खोलेंगे, लेकिन खोलेंगे कब यह नहीं कहा गया।
प्रशन:- इंफ्रास्ट्रक्चर प्रमोशन को काफी राहत देने की बात कही जा रही है ?
उत्तर:- अभी तक तो सारे क्षेत्र चाहे कृषि, सीमेंट, स्टील सेक्टर, ऑटो सेक्टर इन सभी की पिछले 2 सालों में गति काफी धीमी हो गई है। यह कह रहे हैं कि इनकी गति बढ़ाई जाएंगी, योजनाएं बनाई जाएंगी। इनसे अगर पूछा जाए कि अब करेंगे पिछले 7 सालों में आप क्या कर रहे थे।