जहर घोल रहे वाहनों पर नहीं है कोई लगाम

Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Nov, 2017 02:06 PM

there is no rein on the vehicles being poisoned

मिलेनियम शहर पर प्रदूषण एक काला धब्बा बना हुआ है। देशभर में प्रदूषण के मामलों में शहर सबसे बदतर स्थिति में पहुंच चुका है तो वहीं यहां प्रदूषण में इजाफा करने वाले कारणों पर लगाम लगता नहीं दिख रहा है। कार्बन मोनो आक्साईड की मात्रा सामान्य से छह गुना...

गुडग़ांव(ब्यूरो):मिलेनियम शहर पर प्रदूषण एक काला धब्बा बना हुआ है। देशभर में प्रदूषण के मामलों में शहर सबसे बदतर स्थिति में पहुंच चुका है तो वहीं यहां प्रदूषण में इजाफा करने वाले कारणों पर लगाम लगता नहीं दिख रहा है। कार्बन मोनो आक्साईड की मात्रा सामान्य से छह गुना अधिक बनी हुई है। वहीं दूसरे किस्म की जहरीली गैसे जैसे सल्फर डाई आक्साईड, नाईट्रोजन डाईआक्साईटड आदि भी वातावरण में लगातार बढ़ रहा है। शहर में ऑटो चालक तो लापरवाही की हद पार कर ही रहे हैं निजी वाहनों से सफर करने वालों पर भी नियम-कानूनों का कोई खौफ नहीं रह गया है। गुडग़ांव में 20,000 से अधिक ऑटो वाहन डीजल से चलते हैं। ये वाहन साईबर सिटी की सड़कों पर 24 में से 12 से 15 घंटे सड़कों पर दौड़ते हैं। 

औसतन एक ऑटो में 7 से 8 लीटर डीजल की खपत होती है। ऐसे में अनुमान से डेढ लाख से दो लाख डीजल का धुंवा प्रतिदिन वातावरण में घुलता जा रहा है। जिसके कारण कार्बन मोनो आक्साईड, सल्फर डाई आक्साईड सहित विभिन्न गैसे वातावरण में घुलकर वातावरण के तापमान को तो बढा ही रहे हैं। बल्कि ऐसे जहरीली गैसों में लगातार बने रहने से लोगों को सांस की बीमारी सहित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी होने का खतरा है। डेढ़ से दो लाख वाहन शहर में कार्मशियल और नॉन कार्मशियल प्रतिदिन शहर में आते हैं जिनमें प्रदूषण मानकों को लेकर न तो किसी प्रकार की जागरुकता दिखाई देती है ना ही सरकारी स्तर पर इसके लिए कोई प्रयास दिखाई देता है। 
 

जनरेटर भी फिजा में घोल रहे जहर 
शहर में व्यावसायिक और घरेलू प्रयोग को लेकर सरकारी जो आंकड़ें हैं उनके अनुसार शहर में डीजल से चलने वाले 10,500 जनरेटर हैं। इनसे निकलने वाला धूंआ न केवल गुडग़ांव शहर की हवा को प्रदूषित करता है और पूरे एनसीआर की आबादी के लिए खतरा बनता जा रहा है। दिल्ली में दशक भर पहले ही जहां डीजल वाहनों पर रोक लगा दिया गया और सीएनजी की शुरुआत कर दी गई थी तो मिलेनियम शहर कहे जाने वाले गुडग़ांव में आज भी पुराने ढर्रे और कानून ही चलाए जा रहे हैं। यहां न तो डीजल वाहनों पर रोक हैं ना ही दिल्ली की तरह डीजल चालित जेनरेटरों पर कोई रोक है। शहर में तकरीबन 900 से अधिक आवासीय सोसायटियां हैं जिनकी उर्जा जरुरतों में जनरेटर का प्रयोग भी शामिल है। लाइसेंस प्राप्त करके 10,500 जनरेटर है जो चलाए जा रहे हैं, जबकि चोरी-छिपे और बिना अनुमति के चलाए जाने वाले जनरेटरों की कितनी संख्या है, इसका कोई निश्चित आंकड़ा मौजूद नहीं है। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!