समय से पहले गर्मी का जलजला, वन्य जीवों पर पानी संकट

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 22 Apr, 2025 08:51 PM

premature heat wave wildlife in danger

आसमान से बरस रही आग व चल रही गर्म हवाओं से जंगल सूखने के साथ ही वन्य जीवों का गला भी सूख रहा है। तपीस मे झुलस रहे जंगलों में पानी नही होने से वन्य जीव रिहायसी इलाकों में दस्तक दे रहे है।

गुड़गांव ब्यूरो : आसमान से बरस रही आग व चल रही गर्म हवाओं से जंगल सूखने के साथ ही वन्य जीवों का गला भी सूख रहा है। तपीस मे झुलस रहे जंगलों में पानी नही होने से वन्य जीव रिहायसी इलाकों में दस्तक दे रहे है। वन्य जीव विशेषज्ञों की मानें तो जंगलों में जीवों को पर्याप्त भोजन पानी नही मिल रहा है। यही वजह है उन्हे अपनी प्यास बुझाने के लिए बाहर निकलना पड रहा है। बीते एक दशक में जहां अरावली की हरियाली में कमी आई हैं। वही जंगलों में रहने वाले वन्य जीवों के लिए पर्याप्त भोजन पानी का अभाव बताया गया हैं। जिससे पेट व गले की प्यास बुझाने के लिए जीवों को रिहायसी इलाकों में दखल देना पड रहा है। जबकि दूसरा शोर शराबे के साथ जंगलों मानव घुसपैठ भी है। जिससे बैचैन होकर वन्य जीव राजमार्गो व रिहायसी इलाकों में दुर्घटना दुर्घटना के शिकार हो रहे है।

 

गांवों में पहुंच रहे जंगली जीव

हाल में सोहना व मानेसर सहित कई इलाकों में तेंदुए व अजगर की दस्तक ने गांव वालों की नींद उडा दी है। खासकर गर्मियों में ग्रामीणों को पूरी रात जागना पडता है। मौके पर पहुंची वाइल्ड लाइफ टीम फिर से उसे जंगलों में छोड दिया। जबकि सोहना, मानेसर, पटौदी सहित अन्य गांवों से वन्य जीवों को दर्जनों बार पकडकर जंगलों में छोडा जा चुका है। 

 

टैकरों से होगी पानी आपूर्ति

विभाग अरावली की तलहटी व घने जंगलों के बीच एक दर्जन से ज्यादा टैंकरों से पानी की आपूर्ति करेगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। इतना ही नही पानी जंगलों के बीच स्थित गड्ढों व जोहडों में भी भरा जाएगा। जिससे वन्य जीवों को जंगल के अंदर ही पानी मिल सके।

 

आग रोको मुहिम शुरू

वन कर्मचारी संघ हरियाणा मुख्य सलाहकार जोगेन्द्र करौंथा ने कहा कि जब दुनिया भर में प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग व जंगलों में आग जैसी समस्याएं बढ़ रही है, तो पृथ्वी दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है। पृथ्वी दिवस का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं, जैसे हवा, प्रदूषित पानी, प्लास्टिक का कचरा, पेड़ों की कटाई व आग से बचाव के बारे में जागरूक करना है।

 

तेजी से बिगड़ रहा फूड चेन

हालांकि जिला वन्य जीव अधिकारी रामकुमार जांगडा से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होने फोन उठाना मुनासिफ नही समझा। बीते दिनों तेंदुए ने अरावली से सटे गांव से बकरी उठा ले गया था। जिसे लेकर विशेषज्ञो ने अनुमान व्यक्त किया था कि जंगलों में फूड चेन बिगड़ रहा हैं। इसलिए बार बार वन्य जीव रिहायसी इलाकों में भोजन व पानी की तलाश मे पहुंच रहे है। अरावली के घने जंगलों के बीच वन विभाग जोहड व बडे बडे गड्डे बनाकर उसमें पानी भरना चाहिए।

 

वर्जन-

'' विभाग जल्द ही पेड पौधों को बचाने के लिए टैंकर से पानी की आपूर्ति करेगा। इसलिए नगर निगम के टैकरों का सहारा लिया जाएगा। जहां तक बात आग लगने की है इसके लिए जंगलों के बीच गड्डों व जोहडों को भी पानी से भरा जाएगा। रामकुमार, डीएफओ फारेस्ट गुडगांव

 

वर्जन-

'' परिस्थितियां बताती है कि वन्य जीवों में फूड चेन बिगड़ रहा है। इसलिए वन्य जीव बार बार रिहायसी इलाकों में आ रहे हैं। दर्जनों वन्य जीवों को पकड जंगलों में छोडा जा चुका है। हाल में दर्जनों वन्य जीवों को अरावली से बाहर आने की घटनाएं सामने आ चुका है। अनिल गंडास, अध्यक्ष वाइल्ड लाइफ सोसायटी गुडगांव

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