प्रभु श्रीराम भारतीय लोक कंठ के स्वर हैं : जलज कुमार अनुपम

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 22 Jan, 2024 08:29 PM

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कला संकुल, संस्कार भारती के अमर्त्य : साहित्य - कला संवाद के चौथे भाग का आयोजन संस्कार भारती के केन्द्रीय कार्यालय के सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

गुड़गांव ब्यूरो : कला संकुल, संस्कार भारती के अमर्त्य : साहित्य - कला संवाद के चौथे भाग का आयोजन संस्कार भारती के केन्द्रीय कार्यालय के सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह सत्र मुख्य रुप से अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के स्थापित होने को समर्पित था। इस संवाद के आमंत्रित मुख्य अतिथि हिन्दी के प्रख्यात कवि एवम गीतकार गजेन्द्र सोलंकी रहे। 

 

कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत आमंत्रित मुख्य अतिथि के संस्कार भारती के कार्यालय प्रमुख और अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक तिवारी और कार्यक्रम संयोजक जलज कुमार अनुपम ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि का स्वागत स्मृति चिन्ह देकर किया गया। अमर्त्य:  साहित्य-कला संवाद के इस भाग में 'रम्य राम' युवा कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें युवा कवि के रुप में दास आरोही 'आनंद' अंबेडकर विश्वविद्यालय से, सुमेधा शर्मा, कवि विशाल, कौशल गोंडवी, सूर्य प्रकाश, मोहिनी राय, धरमवीर 'धरम', नेहा शुक्ल 'लक्ष्मी', प्रिया श्री दिल्ली विश्वविद्यालय से और ऋद्धि नैनवाल से अपनी अपनी प्रभु श्रीराम को समर्पित रचनाओं से सम्माँ बाँध दिया। इस मौके पर बोलते हुए गजेन्द्र सोलंकी ने कहा कि प्रभु श्रीराम भारत और भारतीयता की आत्मा हैं।

 

संकल्प से सब होता है। यह मंदिर निर्माण भी संकल्प की देन है। अयोध्या धाम में श्रीराम के पुन: मंदिर निर्माण भारत की भविष्य को तय करने वाला होगा। भारत विश्वगुरु के पथ पर प्रभु श्रीराम की नैतिक शिक्षा से स्थापित होते हुए चहूँ ओर दिख रहा है! इस मौके पर बोलते हुए कार्यक्रम संयोजक जलज कुमार अनुपम ने कहा कि प्रभु श्रीराम लोक चेतना के स्वर हैं।  लोक में जन्म से लेकर मोक्ष तक प्रभु श्रीराम हीं आदर्श के रुप में सदैव से स्थापित रहे हैं और आगे भी रहेंगे। प्रभु श्रीराम का मंदिर अयोध्या जी बने, इसके लिए पाँच सौ वर्षों से हमारे पुरखों ने अपने त्याग और बलिदान के बल पर एक सपना देखा था जो अब पूरा हो रहा है! यह सबके लिए गर्व और गौरव की बात है। इस मौके पर बोलते हुए संस्कार भारती के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक तिवारी ने कहा कि प्रभु श्रीराम की स्थापना असत्य पर सत्य की पुन: स्थापना है।

 

इस मौके पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक बाँके लाल गौड़ भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के युवाओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इस कार्यक्रम में मंच संचालन ऋतु और भूपेन्द्र ने किया। साथ ही कार्यक्रम का सह संयोजन भूपेन्द्र कुमार भगत और उमेश गुप्ता ने किया।

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