i-AI: मेक इन इंडिया और डेटा संप्रभुता का समर्थक : कपिल अग्रवाल

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 20 Aug, 2025 07:52 PM

i ai supporter of make in india and data sovereignty  kapil aggarwal

जैसे-जैसे भारत दुनिया की डिजिटल क्रांति के अग्रणी मोर्चे पर खड़ा है, एक सच्चाई निर्विवाद हो गई है: हमारा डेटा हमारी राष्ट्र-सम्पत्ति है। बहुत लंबे समय तक हमारे डिजिटल डेटा हमारी सीमाओं के बाहर संग्रहीत और नियंत्रित होते रहे।

गुड़गांव, ब्यूरो : जैसे-जैसे भारत दुनिया की डिजिटल क्रांति के अग्रणी मोर्चे पर खड़ा है, एक सच्चाई निर्विवाद हो गई है: हमारा डेटा हमारी राष्ट्र-सम्पत्ति है। बहुत लंबे समय तक हमारे डिजिटल डेटा हमारी सीमाओं के बाहर संग्रहीत और नियंत्रित होते रहे। अब समय आ गया है उस शक्ति को पुनः प्राप्त करने का। यही विश्वास i-AI के जन्म का कारण बना, गर्व से "मेक इन इंडिया" इनोवेशन को निर्मित किया, जो भारत के डिजिटल कल को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है।

 

i-AI टीम के अनुसार, उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण पल वह था, जब उन्हें एहसास हुआ कि भारत के अगले 100 मिलियन सोशल मीडिया क्रिएटर्स केवल एक प्लेटफ़ॉर्म नहीं, बल्कि एक सुरक्षित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के हकदार हैं, जहाँ उनकी आवाज़, उनकी यादें और उनका डेटा यहीं भारत में सुरक्षित रह सके। i-AI सिर्फ़ एक ऐप नहीं, बल्कि डिजिटल युग में भारत की संप्रभुता का संकल्प है। सोशल मीडिया सिर्फ़ मनोरंजन नहीं है, यह हमारी परंपरा, हमारी धरोहर और हमारी पहचान है। i-AI यह सुनिश्चित करता है कि भारत की कहानियाँ भारत की ही रहें,” कपिल अग्रवाल, संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), Treefe (i-AI) का वादा

 

डेटा पर अपना अधिकार: सभी क्रिएटर्स का डेटा भारत में ही सुरक्षित रखा जाएगा। इससे देश के नियमों का पालन होगा और लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित रहेगी। भारत में बना, भारत के लिए: ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण के अंतर्गत विकसित, i-AI सुनिश्चित करता है कि भारत की प्रतिभा, संस्कृति और नवाचार तरक़्क़ी का आधार बनें। मूल्यों पर आधारित AI: एडवांस टूल्स को पारदर्शिता, ज़िम्मेदारी और क्रिएटर्स के अधिकारों का सम्मान करते हुए बनाया गया है। विश्वास और सुरक्षा: हर भारतीय यूज़र को यह भरोसा होगा कि उसका डिजिटल फुटप्रिंट उसके पास है—भारतीय क़ानूनों और भारतीय तकनीक द्वारा सुरक्षित।

एक राष्ट्रीय आंदोलन

जैसे भारत ने पेमेंट में UPI और पहचान में आधार से दुनिया को राह दिखाई है, उसी प्रकार i-AI एक स्वतंत्र और सुरक्षित सोशल मीडिया इकोसिस्टम के ज़रिए नेतृत्व करना चाहता है। यह इनोवेशन के साथ-साथ देशभक्ति की मिसाल भी है ताकि भारत की आवाज़ को पहचान, पहुँच और सुरक्षा के लिए विदेशी प्लेटफ़ॉर्म पर निर्भर न होना पड़े।

“i-AI के साथ, हम एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं जहाँ भारत का डेटा भारत की ताक़त होगा। जहाँ इस बार साइबर स्पेस में हमारी डिजिटल आज़ादी, हमारी स्वतंत्रता संग्राम की गूंज बनेगा, [संस्थापक का नाम] ने जोड़ा।

i-AI एक AI-संचालित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है, जो गर्व से ‘मेक इन इंडिया ‘ दृष्टिकोण के अंतर्गत निर्मित है। डेटा की आज़ादी, समावेशिता और संस्कृति की मौलिकता को सबसे ऊपर रखकर, i-AI भारत के अगले 100 मिलियन सोशल मीडिया क्रिएटर्स ओं को एक सुरक्षित, स्वतंत्र और गर्व से भारतीय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म देने के मिशन पर है।

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