Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 16 Mar, 2023 01:14 PM

डॉ. एवी कैंसर इस्ंटीट्यटूऑफ पर्सनलाइज्ड कैंसर थेरेपी ऐंड रिसर्च नाम से भारत का पहला अत्याधुनिक ऑन्कोलॉजी उपचार कें शुरू किया गया है
गुड़गांव ब्यूरो : डॉ. एवी कैंसर इस्ंटीट्यटूऑफ पर्सनलाइज्ड कैंसर थेरेपी ऐंड रिसर्च नाम से भारत का पहला अत्याधुनिक ऑन्कोलॉजी उपचार कें शुरू किया गया है। 15 मार्च, 2023 को इसकें का उद्घाटन भारत के आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्री कौशल किशोर द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित लोगों में पदमश्री विजता डॉ. पी के जुल्का, डॉ. ज्योति वाधवा, डॉ. अरुण गोयल, डॉ. सुनील गर्ग, डॉ. अंकित बत्रा, डॉ. पीयूष बाजपेयी, डॉ. नीतेश रोहतगी, डॉ. शुभम और डॉ. ए क आनंद जैसे प्रख्यात ऑन्कालॉॉजिस्ट मौजदू थे।
डॉ. एवी कैंसर इंस्टीट्यटू के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. अमित वर्मा ने इस अवसर पर कहा विभिन्न उपचार विकल्पों का पता लगाने के प्रयास में सभी मरीजों को कैसंर जांच के समय नेक्स्ट जेनरश्न सिक्सेंसिंग (एनजीएस) का इस्तमेाल कर जीनोमिक टेस्टिंग करानी चाहिए। मैं मरीजों को विभिन्न उपचार में विफल रहने के बाद भी उनके लिए सही उपचार चयन में भरोसा रखता हूं।उन्होंनेप्रेसीजन ऑन्कोलॉजी उपचार सुलभ और किफायती बनाने के लिए पूरे देश में कई कें खोलने का लक्ष्य रखा है। उन्हें प्रेसीजन ऑन्कालॉजी में एक दशक से अधिक समय का अनुभव है और वे इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने में भरोसा रखते हैं।
कैंसर का नया उपचार पाने के लिए भारत से कई मरीज विदेश जाते रहे हैं। अब, प्रेसीजन आन्कोलाॅजी पर आधारित आधुनिक उपचार की व्यवस्था भारत में उपलब्ध है। यह नई आधुनिक उपचार व्यवस्था प्रेसीजन आन्कोलाॅजी के नए विज्ञान पर आधारित है, जिसमें ट्यूमर जींस का अध्ययन किया जाता है और टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी समेत सही उपचार मरीज को मुहैया कराया जाता है। इस उपचार से कैंसर कोशिकाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले अंतर्निहित सर्वाइवल मैकेनिज्म को ठीक करने में मदद मिलती है। यह बहेद कारगर है और साथ ही ट्यमूर के स्टेज एवं हिस्टोलाॅजी पर आधारित ब्लैंकेट कीमोथेरेपी की तुलना में इसके दुष्प्रभाव भी कम हैं।
इस इवेंट में विभिन्न कैंसर विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिनमें देश के प्रख्यात संस्थानाें से मेडिकल, सर्जिकल, रेिडएशन, पैथोलाॅजी विशेषज्ञ शामिल थे। इसके अलावा, फार्मा और डायग्नाॅस्टिक इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी इसमें शामिल हुए, जो जीनोमिक टेस्टिंग, टार्गेटेड थेरेपीज, इम्यूनोथेरेपी और प्रेसीजन आन्कोलाॅजी के क्षेत्र में हैं।