पावर हाउसों की हालत चिंताजनक, हादसों का शिकार हो रहे बिजली कर्मी

Edited By Naveen Dalal, Updated: 15 Jul, 2019 10:43 AM

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पॉवर हाउसों की हालत चिंताजनक होने के कारण पिछले 10 सालों में सैंकड़ों कर्मचारी मौत का शिकार हो चुके हैं। वहीं काफी संख्या में कर्मचारी ऐसे हैं जोकि  हादसों के कारण अपाहिज हो चुके हैं। इसके बावजूद भी न तो दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम यानि...

फरीदाबाद (महावीर गोयल): पॉवर हाउसों की हालत चिंताजनक होने के कारण पिछले 10 सालों में सैंकड़ों कर्मचारी मौत का शिकार हो चुके हैं। वहीं काफी संख्या में कर्मचारी ऐसे हैं जोकि हादसों के कारण अपाहिज हो चुके हैं। इसके बावजूद भी न तो दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम यानि डीएचबीवीएन सुध ले रहा है और न ही सरकार। जिसके कारण बिजली कर्मचारियों में रोष का माहौल है।

पुराने उपकरण और जर्जर व्यवस्था के साथ-साथ घटिया सामान इस्तेमाल होने के कारण बिजली कर्मचारियों की जान पर हर वक्त खतरे के बादल मंडराते रहते हैं। वर्ष 2008 से अब तक सैंकड़ों कर्मचारी काल के ग्रास में समा चुके हैं। वहीं काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं जिनका शरीर का कोई अंग खराब हो गया है। लगातार हो रहे बिजली हादसों को लेकर न तो विभाग कोई गंभीर रुख अपना रहा है और न ही सरकार जिसके कारण हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है।  पुराने उपकरणों से बिजली कर्मचारी काम कर रहे हैं। कर्मचारियों की सुरक्षा की ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है।

लगातार हो रहे हैं हादसे
बिजली कर्मचारियों के साथ लगातार हादसे हो रहे हैं। पिछले वर्ष पांच 66 केवी सबस्टेशन सेक्टर-3 में सप्लाई चालू करने पर वीसीबी लगाते हुए चार कर्मचारी झुलस गए व 66 केवी सबस्टेशन प्याली चौक पर और एक बिजली कर्मचारी वीसीबी लगाते हुए धमाके के साथ डोर गिरकर फ्लैश लगने से हादसे का शिकार हो गया था  जिसकी जान काफी मुश्किल से बचाई गई तथा इसके बाद  220 केवी सबस्टेशन पल्ला पॉवर हाउस पर भी इसी तरह बड़े ट्रांसफार्मर के धमाके के साथ लगी भयंकर आग में बिजली निगम का करोड़ों का नुकसान हुआ व कर्मचारियों के साथ बड़ी दुर्घटना होते होते बची।

यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि पॉवर हाउसों की हालत चिन्ताजनक है । यही हाल 11 केवी स्विचिंग सबस्टेशन ए-2, का है जो अब भी किसी बड़े हादसे की बाट जोह रहा है जिसमे न कोई ट्रिपिंग सिस्टम, न कोई डीसी बैट्री व एक वीसीबी पर दो-दो फीडर जोड़कर काम चला रहे हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा होना लाजमी है। फिर भी ऐसे पुराने उपकरणों से इस बिजली निगम को चलाने का दावा किया जाता है।

आज जिन हालातों में यह बिजली विभाग चल रहा है इसमें कर्मचारियों की जान की किसी भी अधिकारी को कोई परवाह नहीं है। बिजली विभाग में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बिजली उपकरण नहीं है। जिसके चलते कर्मचारी कई बार हादसों का शिकार हो जाते है। बिजली फाल्ट ठीक करते समय कर्मचारियों की मौत तक हो जाती हैं। बिजली करंट से सुरक्षा के उपकरण नहीं होने पर बिजली कर्मचारियों को दोषी ठहराकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। कर्मचारियों की मांग है कि पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा के लिए बिजली उपकरण कर्मचारियों को दिए जाएं जिससे बिजली करंट लगने से होने वाले हादसे से बचा जा सके।

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