GST दर कम होने के बावजूद नहीं मिल रहा जनता को लाभ

Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Nov, 2017 03:38 PM

not getting profit despite low gst rate

जीएसटी की नई दरें लागू हुए 10 दिन बीत चुके हैं परंतु इसके बावजूद जीएसटी की घटाई गई नए दरों के अनुसार वस्तुओं के दामों में कोई खास फर्क नहीं नजर आ रहा है। जीएसटी की नई दरों के तहत दाम में आई कमी का प्रभाव अभी तक न तो व्यापारियों पर पड़ रहा है और न ही...

फरीदाबाद(ब्यूरो):जीएसटी की नई दरें लागू हुए 10 दिन बीत चुके हैं परंतु इसके बावजूद जीएसटी की घटाई गई नए दरों के अनुसार वस्तुओं के दामों में कोई खास फर्क नहीं नजर आ रहा है। जीएसटी की नई दरों के तहत दाम में आई कमी का प्रभाव अभी तक न तो व्यापारियों पर पड़ रहा है और न ही ग्राहकों पर इस दर का कोई फर्क है। 178 वस्तुओं पर घटी जीएसटी दर: केंद्र सरकार ने 15 नवम्बर को 211 वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया था जिसमें से लगभग 178 वस्तुओं की दर को घटाकर 28 प्रतिशत वाले स्लैब में रखा गया था। 

इनमें अधिकतर वस्तुएं आम जन की जरूरत को ध्यान में रखकर उनकी जीएसटी दर रिवाइज की गई थी लेकिन अभी तक इस नए स्लैब के अनुसार दाम रिवाइज होकर बाजार में नहीं पहुंचे हैं। पुराने स्टॉक का दे रहे हवाला: व्यापारियों का कहना है कि अभी दुकानों पर जो माल है वह जीएसटी की पुरानी दरों के अनुसार तय किया गया था। अभी तक बाजार में जीएसटी की घटी हुई दरों के अनुसार नए रेट का माल उपलब्ध नहीं हुआ है। इसलिए जब तक रेट रिवाइज नहीं होगा तब तक फर्क नहीं दिखेगा। दुकानदारों का कहना है कि पुराने स्टॉक को पुराने रेट पर नहीं बेचेंगे तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। 

ठगा महसूस कर रहे लोग
जिन वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटाई गई हैं, उन पर भी लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। लोगों का कहना है कि जब वे दुकान पर घटी हुई कीमतों की बात करते हैं तो दुकानदार यह कहकर उन्हें टरका देते हैं कि अभी पुराना स्टॉक चल रहा है तथा पीछे से अभी नए रेट पर माल नहीं मिल रहा है। ऐसे में लोग स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। 

फूड आउटलेट ने हटाए प्रॉडक्ट: 
शहर के ई-फूड आउटलेट्स ने आउटलेट पर मिनरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक बेचना बंद कर दिया है क्योंकि इसका सीधा असर उनके मार्जिन पर पड़ रहा था। दरअसल मिनरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक पर 18 फीसदी जीएसटी है और रेस्तरां इन्हें खरीदने पर 18 फीसदी जीएसटी दे रहा है। जीएसटी के नियमों के आधार पर कस्टमर से कुल बिल पर 5 फीसदी टैक्स ले सकते है। इसका रेस्तरां को इनपुट क्रेडिट भी नहीं मिल सकता जिसका सीधा असर उनके मार्जिन पर पड़ रहा था। यहां उनके मार्जिन पर सीधे 13 फीसदी का असर पड़ रहा था। सरकार के 5 फीसदी टैक्स कम होने कस्टमर को फायदा हुआ है लेकिन रेस्तरां मालिकों को इनपुट क्रेडिट नहीं मिलने का सीधा असर उनके मार्जिन पर पड़ रहा है। अपने मार्जिन और कॉस्ट कम करने के रेस्तरां मालिक ज्यादा टैक्स वाले प्रोडक्ट बेचने से बच रहे हैं जिन पर उन्हें इनपुट क्रेडिट न मिले। वहीं कुछ रेस्तरां मिनरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक का बिल अलग बना रहे हैं।
 

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