गुडग़ांव में खुलेगा हरियाणा का पहला साइबर अपराध थाना

Edited By Updated: 03 Oct, 2015 05:50 PM

articlethe first cyber crime police station will open in gurgaon

हरियाणा में बढ़ते साइबर क्राइम पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार गुडग़ांव में प्रदेश का पहला साइबर अपराध पुलिस

हथीन, (सूरजमल) : हरियाणा में बढ़ते साइबर क्राइम पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार गुडग़ांव में प्रदेश का पहला साइबर अपराध पुलिस थाना खोलने जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यह जानकारी पलवल जिले के हथीन में उपमंडल स्तरीय न्यायिक परिसर के उद्घाटन करने के उपरांत आयोजित कार्यक्रम में दी। 

डिजिटल हरियाणा की परिकल्पना से जुड़े इस महत्वपूर्ण परियोजना के साथ-साथ उन्होंने आम आदमी को तत्परता से न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में न्यायपालिका से भी सहयोग मांगा। कार्यक्रम में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भवन कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस सतीश कुमार मित्तल तथा उच्च न्यायालय में पलवल जिले के प्रशासनिक जज जस्टिस नरेश कुमार सांघी भी उपस्थित रहे। करीब आठ करोड़ रुपए की लागत से तैयार न्यायिक परिसर मुख्यमंत्री ने हथीन को समर्पित करते हुए उपस्थित जनसमूह को शुभकामनाएं भी दी। 
मनोहर लाल ने कहा कि आज आईटी का युग है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया सोच हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं तो हमारी जिम्मेवारी बनती है कि डिजिटल हरियाणा के तौर पर हम आगे बढ़े। न्यायपालिका मे ई-सेवाओं के विस्तार से आम आदमी को तेजी व आसानी से न्याय मिल सकेगा। न्यायपालिका से जुड़े न्यायधीश व अधिवक्ता मिलकर इस क्षेत्र में आगे बढ़े, ताकि आम जनमानस का न्यायपालिका में विश्वास सुदृढ़ हो। उन्होंने न्यायपालिका के कार्य को दैवीय बताते हुए कहा कि जनता में चिकित्सक के साथ-साथ न्यायधीशों को भी भगवान के समान माना जाता है। मुख्यमंत्री ने बीते दिनों नई दिल्ली में आयोजित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों, भारत के मुख्य न्यायधीश व केंद्र सरकार के कानून मंत्री के संयुक्त सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस सम्मेलन में दक्षिण हरियाणा के लिए अलग खण्डपीठ की मांग, न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े कार्यों में अंग्रेजी की बजाए सभी प्रांतों की स्थानीय भाषा का प्रयोग तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हरियाणा के लिए न्यायधीशों का अनुपात 60:40 की बजाए कम से कम 50:50 करने जैसे सुझाव हमने रखें। इन्हीं सुझावों पर अमल करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दक्षिण हरियाणा में अलग पीठ स्थापित करने की मांग का अध्ययन करने के लिए न्यायधीशों की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। आज उच्च न्यायालय में पंजाब की तुलना में हरियाणा के लंबित मामले अधिक है। उन सुझावों पर अमल हो तो न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी और लोगों को शीघ्रता से न्याय मिल सकेगा। उन्होंने बार एसोसिएशन हथीन को लाइब्रेरी व अन्य उपयोगी कार्यों के लिए 21 लाख रुपए की मदद देने की भी घोषणा की। 
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भवन कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस सतीश कुमार मित्तल ने न्यायपालिका के लिए उपलब्ध आधारभूत संरचना के मामले में हरियाणा को देश का सर्वश्रेष्ठ बताते हुए राज्य सरकार की इस कार्य में सहयोग के लिए प्रशंसा की। हरियाणा में दस से पंद्रह किलोमीटर के भीतर हर आदमी के पास न्यायिक सेवा उपलब्ध है। गुडग़ांव में भी शीघ्र ही अत्याधुनिक न्यायिक परिसर टावर ऑफ जस्टिस का निर्माण किया जाएगा। 
कार्यक्रम में पलवल की जिला एवं सत्र न्यायधीश मनीषा बतरा ने अतिथिगण का स्मृित चिन्ह से स्वागत किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से जस्टिस एमएमएस बेदी, जस्टिस दया चौधरी, जस्टिस रामेश्वर मलिक, जस्टिस एमएस चौहान, जस्टिस शेखर धवन, जस्टिस दर्शन सिंह, जस्टिस रमेंद्र जैन, जस्टिस परमजीत सिंह, जस्टिस पीबी भजंतरी, जस्टिस हरिपाल वर्मा, उपायुक्त अशोक कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक मीतेश जैन, एडीजे वेद प्रकाश सिरोही, एडीजे नरेश कुमार, एडीजे रजनी यादव, प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी रेणू सोलखे, अपर्णा चौधरी व बार एसोसिएशन हथीन के प्रधान सतप्रकाश शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। 
 

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