Edited By Isha, Updated: 28 Jun, 2019 10:45 AM
तोशाम क्षेत्र की एक अनुसूचित जाति की युवती का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म की घटना में पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ एस.सी./एस.टी. एक्ट की धारा लगाई है। इसमें भी थाना प्रभारी बेतुके बयान दे रहे हैं कि उस समय युवती
भिवानी: तोशाम क्षेत्र की एक अनुसूचित जाति की युवती का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म की घटना में पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ एस.सी./एस.टी. एक्ट की धारा लगाई है। इसमें भी थाना प्रभारी बेतुके बयान दे रहे हैं कि उस समय युवती ने जाति प्रमाण पत्र नहीं दिखाया जबकि युवती द्वारा दर्ज मुकद्दमे में पुलिस ने युवती की जाति का पहले से ही उल्लेख किया है। इस बारे में कानूनविदों का कहना है कि पुलिस अपनी गलती छिपाने के लिए जाति प्रमाण पत्र वाली बात कह रही है।
थाना प्रभारी ने अपनी गलती छिपाने के लिए यह दिया बयान
इस बारे में तोशाम के थाना प्रभारी चंद्रभान ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में बुधवार रात आरोपियों के खिलाफ ये धाराएं और लगा दी हैं। उनसे जब पूछा गया कि उन्होंने पहले इन धाराओं को क्यों नहीं लगाया तो उन्होंने बेतुका जवाब देते हुए कहा कि जिस समय युवती ने अपनी शिकायत दी तब उसने अपना जाति प्रमाण पत्र पुलिस को नहीं दिखाया जबकि बुधवार को उक्त युवती ने अपना जाति प्रमाण पत्र पुलिस को दिया तो पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ यह धाराएं लगाई हैं जबकि दूसरी ओर देखा जाए तो पुलिस ने युवती की शिकायत पर मामला दर्ज करते समय उसकी जाति का उल्लेख किया हुआ है। इसलिए अगर पुलिस को उक्त युवती का जाति प्रमाण पत्र ही चाहिए था तो एफ.आई.आर. के समय उसकी जाति को क्यों दर्शाया। यह सवाल अब आम आदमी के जेहन में है।