बिना वीसी सिस्टम पहुंची पुलिस, कार्रवाई से नाराज जज बोले- 17 को रामपाल को पेश करो

Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Jan, 2018 05:05 PM

police reached khalara judge without giving any vc

करौंथा के सतलोक अाश्रम के बाहर साल 2006 में हिंसा हुई थी, जिसमें झज्जर निवासी सोनू की हत्या हो गई थी। इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट में पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। पुलिस कोर्ट में लगातार तीसरी बार वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के लिए सिस्टम लेकर अदालत...

रोहतक(ब्यूरो):करौंथा के सतलोक अाश्रम के बाहर साल 2006 में हिंसा हुई थी, जिसमें झज्जर निवासी सोनू की हत्या हो गई थी। इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट में पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। पुलिस कोर्ट में लगातार तीसरी बार वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के लिए सिस्टम लेकर अदालत नहीं पहुंची। इसके चलते अहम गवाह और जांच अधिकारी एएसआई रघुबीर सिंह की गवाही नहीं हो सकी। इस पर एडीजे अश्वनी कुमार ने नाराजगी जाहिर करते हुए डीएसपी सदर नारायण सिंह और एसएचओ सदर मंजीत को पहले तो अदालत में तलब किया।

उसके बाद हिदायत दी कि 17 जनवरी को हिसार जेल में बंद रामपाल, उनके बेटे वीरेंद्र, मनोज, प्रीतम और राजेंद्र को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेश करें। अदालत के आदेश के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया है। रामपाल के अदालत में आने से हजारों समर्थकों के जुटने की आशंका है। ऐसे में कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी। करीब 12 साल पहले रामपाल समर्थकों और आर्य समाज के लोगों के बीच तनाव पैदा हो गया था।

सतलोक आश्रम के बाहर हुई हिंसा में झज्जर जिले के गांव बाघपुर निवासी सोनू की गोली लगने से मौत हो गई थी। सदर थाने में रामपाल सहित 28 के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जिसकी जिला अदालत में सुनवाई चल रही है। रामपाल की पेशी के मामले में पुलिस प्रशासन की तरफ से अर्जी दी जाती रही है कि रामपाल को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश करने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसके चलते अदालत ने पुलिस को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश करने की छूट दी है।
 

पिछली पेशियों 10 नवंबर 2017, 8 दिसंबर 2017 और 12 जनवरी 2018 को पुलिस वीसी सिस्टम लेकर नहीं पहुंची। तर्क दिया कि सिस्टम में फाल्ट आया गया है। शुक्रवार को जब पुलिस फिर बिना वीसी सिस्टम के पहुंची तो अदालत ने सुनवाई से साफ मना कर दिया। अदालत में पुलिस प्रशासन की तरफ से अर्जी दी हुई थी कि रामपाल की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की जाए। अदालत ने इसकी मंजूरी दे रखी थी। ज्यादातर समय पुलिस एसपी कार्यालय की आईटी ब्रांच से वीडियो सिस्टम लेकर आती थी, लेकिन तीन पेशी पर नहीं लेकर आई। इसके चलते अदालत ने 17 जनवरी को रामपाल व अन्य अभियुक्तों को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेश करने के आदेश दिए हैं।

वीरेंद्र देशवाल, वकील रामपाल एवं अन्य अभियुक्त
पुलिस की आईटी ब्रांच ने बताया कि एसपी आफिस के वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम में फाल्ट आ गया है। इस कारण सिस्टम अदालत में नहीं ले जा सके। अब नए सिस्टम की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही अदालत में अर्जी लगाएंगे कि रामपाल की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही करवाई जाए।
 

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