Edited By Punjab Kesari, Updated: 31 Aug, 2017 03:31 PM
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने अपने अनुयायियों को अंधभक्ति के जाल में फंसा रखा था। इस कारण उसके अनुयायी व समर्थक अपना सब कुछ न्यौछावर करने को तत्पर रहते थे।
संगरूरः डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने अपने अनुयायियों को अंधभक्ति के जाल में फंसा रखा था। इस कारण उसके अनुयायी व समर्थक अपना सब कुछ न्यौछावर करने को तत्पर रहते थे। डेरा प्रेमी बताते हैं कि डेरों में गुरमीत राम रहीम के हाथ से बना गुड़ का 100 ग्राम का टुकड़ा सवा लाख में बिक चुका है।
गुरमीत राम रहीम किसी कार्यक्रम या समागम में जिस कुर्सी पर बैठता था, वह 80 हजार से दो लाख रुपए तक में बिक चुकी है। अगर सिर्फ संगरूर की ही बात करें तो करीब 10 से 15 कुर्सियां इसी तरह परमार्थ के नाम पर डेरा अनुयायी लाखों रुपए में खरीद चुके थे। डेरे की सब्जियां बाजार से सौ गुना महंगी बिकती थीं।
डेरे में उगी सब्जियों से लेकर गुरमीत राम रहीम के चलाए दोपहिया व चौपहिया वाहन मार्केट मूल्य से कई गुना महंगे दाम पर डेरा प्रेमी खरीदते रहे हैं। ऐसा नहीं कि यह सामान डेरा प्रेमियों पर थोपा जाता था, बल्कि वे खुद आगे आकर इसे खरीदते थे। एक डेरा प्रेमी ने बताया कि इससे प्राप्त धन को परमार्थ पर खर्च का नाम दिया गया था। परमार्थ का मतलब जरूरतमंदों की सेवा में धन को लगाना था। जो लोग इलाज के लिए पैसे नहीं दे सकते थे, उनका डेरे में बने अस्पताल में इलाज करवाया जाता था और इलाज पर आए खर्च को परमार्थ के नमा पर एकत्र कर दिया जाता था।
डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद बहुत से डेरा प्रेमी डेरे के अंदर की बातें बता रहे हैं लेकिन वे अपने नाम का खुलासा करने से अब भी डर रहे हैं। जिले में डेरा सच्चा सौदा के जिम्मेदार पद रहे एक व्यक्ति ने बताया कि उसने खुद राम रहीम के हाथ से बने गुड़ का एक पीस खरीदा। इसकी कीमत सवा लाख रुपए दी थी, जबकि शहर का एक व्यक्ति डेरा प्रमुख द्वारा चलाई गई मोटरसाइकिल करीब दो लाख रुपए में लेकर आया था।