Edited By Updated: 02 Aug, 2015 11:30 AM
बीते 13 दिनों से तितरम मोड पर धरना दे रहे किसानों को गत शनिवार को राजनीतिक ताकत मिली।
कैथल/पाई (पराशर/अजय/अंकित) : बीते 13 दिनों से तितरम मोड पर धरना दे रहे किसानों को गत शनिवार को राजनीतिक ताकत मिली। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर, इनैलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप, सिरसा के एम.पी. चरणजीत सिंह रोड़ी तथा विभिन्न दलों के कई विधायक धरना स्थल पर पहुंचे और सभी ने किसानों को उनकी भूमि एन.एच. 65 के लिए अधिगृहीत किए जाने पर मार्कीट रेट से 4 गुणा मुआवजा दिए जाने की मांग का समर्थन किया जिससे किसानों के आंदोलन को आज नई रफ्तार मिली और वे काफी खुश भी नजर आए।
5 किसानों ने आज भी क्रमिक अनशन रखा और सरकार के ढुलमुल रवैये पर अपना रोष जताया। सुबह ही धरनास्थल पर लोग जमा होना शुरू हो गए थे। विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला धरने व अनशन पर बैठे किसानों के समर्थन में उतरे और 2 घंटे तक उनके अनशन का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि खेतिहर मजदूरों और किसानों तथा महिलाओं का इस तरह से सड़क पर बैठना वर्तमान सरकार की किरकिरी है और इससे भाजपा सरकार के उन दावों की पोल भी खुल गई है।
उन्होंने कहा कि एक तो मुआवजा बढ़े दूसरे जिस किसान भूमि अधिगृहीत हो गई है उस भूमिहीन किसान के परिवार में एक सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए। जिस तरह से जमीनों का औने-पौने भाव में किया जा रहा अधिग्रहण एक तो किसानों की जोत को कम कर रहा है दूसरा किसान बेरोजगारी की कगार पर खड़ा है। ऐसी स्थिति में किसान यदि दुखी होकर आत्महत्या जैसे कदम को उठाते हैं तो उसका मजाक बनाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन जैसे नेता इन आत्महत्याओं को किसानों के प्रेम प्रसंगों से जोड़कर दुखी किसान परिवारों के साथ भद्दा मजाक कर रहे हैं।
कांग्रेस आंदोलनरत किसानों के साथ : तंवर
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने धरनास्थल पर किसानों को आश्वस्त किया कि पूरी पार्टी उनके साथ है। भाजपा सरकार किसानों से ज्यादती कर रही है। यू.पी.ए. व तत्कालीन हरियाणा की कांग्रेस सरकारों ने किसानों के हितों के लिए जो नीतियां बनाई उनके बारे में भाजपा सरकार ने भ्रामक प्रचार करने का प्रयास किया लेकिन प्रदेश की जनता सब समझती है। मार्कीट रेट का मुआवजा मांगना यहां के किसानों का हक है। तंवर के साथ बॉबी मान व देवी राम कसान सहित कई कांग्रेसी नेता थे।