Edited By Updated: 28 Jun, 2016 05:15 PM
देश सरकार द्वारा भले ही प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के दावे किए जा रही हो लेकिन सरकार के अधिकारी ही इन दावों को पलीता लगा रहे है।
सफीदों: देश सरकार द्वारा भले ही प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के दावे किए जा रही हो लेकिन सरकार के अधिकारी ही इन दावों को पलीता लगा रहे है।
ऐसा ही एक मामला पिल्लूखेड़ा में सामने आया है, जहां तहसील के पूर्व नायब तहसीलदार की रिश्वत की एक वीडियो वायरल हुई है, जिसमे रजिस्टी करवाने के बदले वह रिश्वत ले रहे हैं। ये वीडियों 6 महीने पुराना है, लेकिन हद तो तब हो गई जब पीडित द्वारा यह वीडियो विजिलेंस तथा डी.जी.पी. हरियाणा को देने के बावजूद आरोपी नायब तहसीलदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। खुद ही सुनो सारा मामला पीड़ित की जुबानी।
आपको बता दें कि जाट आरक्षण के दौरान उपद्रवियों द्वारा पिल्लूखेडा थाने में आग लगाने की घटना के समय मौके के ड्यूटी मजिस्ट्रेट होने के बावजूद पुलिस को कार्रवाई न करने के आदेश देने की बजाए मौके से भाग जाने के आरोप भी इन पर लगे थे। इसके अलावा डयूटी के दौरान शराब पीने के आरोप भी इन पर लगे थे। अब ये एक नया मामला भी इनके साथ जुड गया है।