Edited By Updated: 13 Jan, 2017 03:03 PM
रोडवेज की बसों में बेटिकट यात्रा करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सभी डिपो प्रबंधन को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसी का परिणाम
सिरसा (राम माहेश्वरी): रोडवेज की बसों में बेटिकट यात्रा करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सभी डिपो प्रबंधन को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसी का परिणाम है कि महकमा इस दिशा में पूरी गंभीरता के साथ काम कर रहा है। आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि हर महीने औसतन 150 से ज्यादा यात्री बसों में बिना टिकट यात्रा करते पकड़े जा रहे हैं और इन बेटिकट यात्रियों से रोडवेज के उड़नदस्ते द्वारा मौके पर ही टिकट रेट का 10 गुणा जुर्माना वसूल किया जा रहा है। मुफ्त यात्रा करते उड़नदस्ते की पकड़ में आए से हर महीने औसतन 48 हजार रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है। रोडवेज उडऩदस्ते द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में दाखिल होने वाली सरकारी बसों की नियमित रूप से की जा रही चैकिंग के चलते ये परिणाम हासिल हो पाए हैं।
रोडवेज महाप्रबंधक जहां खुद उड़नदस्ते को साथ लेकर चैकिंग पर निकलते हैं, वहीं डिपो के इंस्पैक्टर व सब-इंस्पैक्टर भी अलग-अलग टीमें बनाकर बसों में यात्रियों की टिकट जांचने के काम में जुटे हुए हैं। हालांकि सिरसा डिपो में फ्लाइंग स्टाफ का काफी टोटा बना हुआ है लेकिन इसके बावजूद चैकिंग के काम में कोई कोताही नहीं बरती जा रही। बीते वर्ष के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो जनवरी से नवम्बर तक के 11 महीनों में डिपो की फ्लाइंग ने कुल 1812 यात्रियों को विदाऊट टिकट यात्रा करते पकड़ा। इस लिहाज से हर रोज औसतन 5 यात्री बिना टिकट बस में सफर करते पाए गए। मुफ्तखोरों से जो जुर्माना वसूल किया गया, उससे डिपो को लाखों रुपए की आमदन हुई। इस अवधि में 1812 बेटिकट यात्रियों से फ्लाइंग द्वारा 5,27,340 रुपए का जुर्माना वसूल किया गया। यानि 1,598 रुपए प्रतिदिन औसतन जुर्माने की रकम डिपो के खाते में आई।
इंस्पैक्टर के 18 पद खाली
रोडवेज बसों की चैकिंग का कार्य सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए पर्याप्त फ्लाइंग स्टाफ का होना बेहद जरूरी है। मगर पिछले लम्बे समय से प्रदेश के अन्य बस डिपो की तरह सिरसा डिपो में भी स्टाफ का टोटा बना हुआ है। यहां इंस्पैक्टर के 22 पद स्वीकृत किए गए हैं। मगर फिलवक्त यहां 4 इंस्पैक्टर ही कार्य कर रहे हैं। 18 पद भर्ती के इंतजार में है। इसी तरह चीफ इंस्पैक्टर के 2 पद रिक्त पड़े हैं। स्वीकृत 3 पदों में से 1 चीफ इंस्पैक्टर ही फिलहाल नियुक्ति पर है। सब-इंस्पैक्टर पद पर नियुक्ति लगभग पूरी है। कुल स्वीकृत 42 पदों में से महज 1 पद ही खाली पड़ा है।
हजारों बेटिकटों से लाखों का जुर्माना
माह बेटिकट जुर्माना राशि
जनवरी 194 56,320
फरवरी 117 29,550
मार्च 152 41,530
अप्रैल 178 53,120
मई 337 92,350
जून 173 53,700
जुलाई 147 45,640
अगस्त 140 45,820
सितम्बर 108 28,830
अक्तूबर 125 36,300
नवम्बर 141 44,180