सरकार की 5 अंक की नीति में उलझे बेरोजगार

Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Feb, 2018 04:02 PM

government s 5 point policy entails unemployed

परिवार में किसी के भी नौकरी में न होने पर 5 नंबर देने की हरियाणा सरकार की नीति में अभ्यर्थी उलझ गए हैं। सरकार ने परिवार को बड़ा कर दिया है। यदि सरकारी नौकरी में शादीशुद महिला है तो मायके में भाई और ससुराल में उसके बच्चों को पांच अंकों का लाभ नहीं...

चंडीगढ़(ब्यूरो): परिवार में किसी के भी नौकरी में न होने पर 5 नंबर देने की हरियाणा सरकार की नीति में अभ्यर्थी उलझ गए हैं। सरकार ने परिवार को बड़ा कर दिया है। यदि सरकारी नौकरी में शादीशुद महिला है तो मायके में भाई और ससुराल में उसके बच्चों को पांच अंकों का लाभ नहीं मिलेगा। हालाकि पॉलिसी में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बहन की शादी होने के बाद अगर वे ससुराल में रहकर नौकरी कर रही है और उसका भाई भी सरकारी नौकरी में है जिसका परिवार अलग रहता है। तो वह परिवार में माना जाएगा या नहीं। 

नीति देखने वाले सीनियर ऑफिसर ने कहा कि अभी आवेदन शुरू हुए हैं। शादीशुदा बहन को परिवार का ही हिस्सा माना जाएगा। ऐसे में प्रदेश के ज्यादा बेरोजगारों को फायदा मिलने वाला नहीं है। क्योंकि किसी का भाई तो किसी की बहन नौकरी में है। इसलिए अभ्यर्थियों के सामने समस्या बन गई हैं। बता दें कि हरियाणा में करीब ढाई साल में 54 हजार भर्तियों पर करीब एक करोड़ 25 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें 54 हजार तो भर्ती हो जाएंगे, लेकिन इसके बाद एक करोड़ 24 लाख 50 हजार अभ्यर्थियों में जिनकी शादीशुदा बहन नौकरी में है, उसे सरकार की इस पॉलिसी का फायदा नहीं मिलेगा। यानी उसे 5 अंक नहीं मिलेंगे। इधर, भिवानी जिले के विपिन, आधे, सुनील, अनील, संजय और पंकज ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनकी बहन नौकरी में है, लेकिन शादीशुदा है। उनका कहना है कि हाल ही में सरकार ने जो पॉलिसी लागू की गई है, उसका उन्हें फायदा नहीं मिल रहा है। 

सरकार की पॉलिसी ठीक है , शर्तें नहीं लगानी चाहिए : महासचिव 
सर्व कर्मचारी संघ की राज्य कमेटी सदस्य एवं हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के महासचिव सरबत सिंह पूनिया का कहना है कि जब लड़की की शादी हो गई तो वह दूसरे परिवार की है। ऐसे में उसके मायके वालों में शामिल नहीं किया जा सकता। उसका भाई यदि आवेदन करता है तो उसे 5 अंक मिलना चाहिए। सरकार की पॉलिसी ठीक है, शर्तें नहीं लगानी चाहिए। 

खुद, बीवी-बच्चे ही होते हैं परिवार में 
हाईकोर्ट के एडवोकेट शैलेंद्र सिंह का कहना है कि परिवार में व्यक्ति खुद, उसकी बीवी और बच्चे ही शामिल होते हैं। लड़की तो शादी के बाद दूसरे परिवार का हिस्सा होती है। यदि भाई भी शादी के बाद अलग रहता है तो उसका परिवार दूसरा है। 
 

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