Edited By Punjab Kesari, Updated: 31 Jan, 2018 11:44 AM
विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। ठगी करने वाला ये गिरोह नौकरी दिलाने के नाम पर खातों में पैसे जमा कर बेरोजगार व्यक्तियों से धोखाधड़ी करता है, जिसमें से चार आरोपियों को...
फरीदाबाद(अनिल राठी): विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। ठगी करने वाला ये गिरोह नौकरी दिलाने के नाम पर खातों में पैसे जमा कर बेरोजगार व्यक्तियों से धोखाधड़ी करता है, जिसमें से चार आरोपियों को तकनीकी सूचना पर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि ये चारों ठगी का गोरखधंधा चलाने के लिए रोजगार दिलाने वाली नामी वेबसाईट शाईन डॉट कॉम का इस्तेमाल भी करते थे।
ठगी के जाल में फंसा फरीदाबाद का सतेंद्र
फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के रहने वाले सतेन्द्र कुमार ने बताया कि उसके पास अक्टूबर 2017 में शाईन डॉट कॉम पर मौजूद एक्सपेरिस फर्म्स(Experis Firm) की तरफ से फोन आया कि उनकी फर्म देश-विदेश में प्लेसमेंट कराती है और अभी सिंगापुर में जगह खाली है, अगर आप इच्छुक है तो हमारी रजिस्ट्रैशन फीस 2500 रु. है। अपना सी.वी.(रेज्यूम) पासपोर्ट साईज फोटो हायर एजुकेशन सर्टिफिकेट व आधार कार्ड मेल द्वारा भेंजे। हमारे एच.आर. मैनेजर आपका इन्टरव्यू लेंगे और आपको रजिस्ट्रेशन फीस के लिये बैंक खाता नंबर देंगे।
इंटरव्यू के बाद लाखों रूपए ऐंठे
सतेंद्र के पास एक कॉल आई और एक व्यक्ति ने उसका इंटरव्यू लिया और पैसा जमा कराने के लिए बैंक डिटेल सतेंद्र को दी। सतेंद्र ने उनकी मांग के अनुसार अलग-अलग समय में कुल 4 लाख 71 हजार रूपये उनके खातों में जमा करा दिए और उन्होंने अपने फोन बंद कर लिए। जिसके बाद पीड़ित सतेन्द्र ने पुलिस में शिकायत की और उक्त फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने 406, 420 भा.द.सं. के अंतर्गत मामला दर्ज किया।
शाईनडॉटकॉम से कलेक्ट करते थे लोगों का डाटा, फिर फंसाते थे जाल में
इस मामले में अपराध शाखा निरीक्षक सुरेश कुमार व उनकी टीम ने कार्रवाई शुरू की। जिसमें उपरोक्त आरोपी प्लेसमेंट एजेंसी के तहत नौकरी के इच्छुक लोगों का डेटा वेबसाईट शाईनडॉटकॉम से कलेक्ट करते थे। उनकी पढ़ाई के अनुसार एक्सपेरिस फर्म्स(Experis Firm) के नाम पर फोन कर देश-विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर उनको ठगते थे।
साईबर सैल के प्रभारी ने बताया कि आरोपी कॉल सेन्टर के रूप में काम करके नौकरी लगवाने की बात करते थे और पिछले एक साल से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। इन आरोपियों ने सिरसा, कोटा राजस्थान, गुरूग्राम में अपना जाल बिछा रखा था।
पकड़े न जाएं इसलिए बदल देते थे मो. नंबर
आरोपी पकड़े जाने के डर से बार-बार अपना मोबाईल नंबर बदल देते थे जोकि फर्जी आई डी पर होता था। आरोपियों ने अपना ऑफिस दिल्ली के मोहन कॉआपेरेटिव, तुगलकाबाद व संगम बिहार में खोला हुआ था। समय समय पर ऑफिस भी बदलते रहते थे।
फर्जी बैंक अकाऊंट में जमा करवाते थे पैसे
नौकरी पाने के इच्छुक लोगों से बैंक खातों में रजिस्ट्रैशन चार्ज, ट्रेनिंग चार्ज, रिहायसी खर्चा व हवाई जहाज टिकट इत्यादि की एवज में पैसे जमा कराया जाता और लोगों से अलग-अलग खातों में पैसे लेकर बाद में फोन बन्द कर दिया जाता था। आरोपी दूसरे लोगों के नाम पर खाते खुलवाते थे और आपरेट खुद कर एटीएम से पैसे निकालकर ऐशो-आराम व मौज-मस्ती करते थे।
दो आरोपियों ने की है बीकॉम
अपराध शाखा के प्रभारी ने बताया कि आरोपी रवि व लेखराज ने बीकाम तक पढ़ाई की है व अन्य दो आरोपी 12वीं पास हैं। रवि के पिता दिल्ली में सरकारी अध्यापक के तौर पर रिटायर्ड हुए थे जिनका अब स्वर्गवास हो चुका है।
पौने तीन लाख नगद व 31 मोबाईल फोन बरामद
आरोपियों के पास से 2 लाख 80 हजार हजार रूपये व धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 31 मोबाईल फोन व दो बैंको एटीएम बरामद किए गया है। उपरोक्त चारों आरोपियों को अदालत के आदेशानुसार नीमका जेल भेजा गया है, अन्य दो आरोपियों की तलाश जारी है।