Edited By Isha, Updated: 21 Feb, 2020 02:27 PM
जिले के सरकारी स्कूलों को दिव्यांग फ्रैंडली बनाने का काम शुरू हो चुका है। दिव्यांग विद्यार्थियों को अपनी कक्षाओं तक पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनके लिए स्कूलों...
सिरसा (माहेश्वरी) : जिले के सरकारी स्कूलों को दिव्यांग फ्रैंडली बनाने का काम शुरू हो चुका है। दिव्यांग विद्यार्थियों को अपनी कक्षाओं तक पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनके लिए स्कूलों में रैम्प तैयार किए जा रहे हैं। जिला में प्राइमरी से लेकर सीनियर सैकेंडरी तक जितने भी स्कूल हैं, उन सब में दिव्यांग बच्चों के लिए रैम्प बनाए जाएंगे। फिलहाल 200 से ज्यादा सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। इसके लिए सरकार ने लाखों का बजट भी जारी कर दिया है।
कई स्कूलों में रैम्प का निर्माण पूरा भी हो चुका है। चयनित स्कूलों में रैम्प बनने के बाद सरकार को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। इसके बाद शेष स्कूलों में रैम्प बनाने के लिए बजट जारी किया जाएगा। समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस प्रोजैक्ट को पूरा किया जाएगा। दरअसल, जिला में छोटे-बड़े तमाम सरकारी स्कूलों की संख्या 834 है। इन स्कूलों में पढऩे वाले दिव्यांग बच्चों के हित को लेकर सरकार फिक्रमंद हुई है। सरकार की योजना है कि तमाम सरकारी स्कूलों में दिव्यांगों के लिए रैम्प तैयार करवाए जाएं ताकि उन्हें आने-जाने में परेशानी न हो।
स्कूली कक्षा का जमीन से फासला करीब डेढ़ फूट का होता है। सामान्य बच्चे तो यह दूरी झट से लांघ जाते हैं, मगर दिव्यांग बच्चों को क्लासरूम तक पहुंचने में दिक्कत दरपेश आती है। रैम्प बनने से उनकी इस दिक्कत का समाधान हो जाएगा। इसके अलावा स्पैशल टॉयलेट भी बनाए जाएंगे। अगर स्कूल फस्र्ट फ्लोर पर है तो वहां तक भी जाने के लिए रैम्प बनाने की योजना है। पहले यह सुविधा उन स्कूलों में उपलब्ध करवाई जाएगी, जहां वर्तमान में दिव्यांग छात्र पढ़ रहे हैं।
सुविधाएं उपलब्ध करवाने के बाद इसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने शिक्षा विभाग को पत्र भेजा है, जिसमें यह काम जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है। सिरसा जिले में इस समय कोई भी सरकारी स्कूल फस्र्ट फ्लोर पर नहीं हैं। सभी स्कूल ग्राऊंड फ्लोर पर हैं। सरकारी स्कूलों की तरफ से यू डाइस के माध्यम से रैम्प को लेकर डिमांड भी भेजी जा चुकी है।