Edited By Isha, Updated: 26 Jun, 2019 11:46 AM
शहर में पिछले कई सालों से बिना रजिस्ट्रेशन के ऑटो दौड़ रहे हैं। यातायात विभाग की ओर से सालों से ऐसे ऑटो चालकों के खिलाफ किसी तरह का कोई चैकिंग अभियान नहीं चलाया गया है। जिस कारण ऑटो चालकों के हौंसले सातवें आसमान
रोहतक: शहर में पिछले कई सालों से बिना रजिस्ट्रेशन के ऑटो दौड़ रहे हैं। यातायात विभाग की ओर से सालों से ऐसे ऑटो चालकों के खिलाफ किसी तरह का कोई चैकिंग अभियान नहीं चलाया गया है। जिस कारण ऑटो चालकों के हौंसले सातवें आसमान पर हैं। लेकिन इनकी मनमर्जी के चलते पूरे शहर के लोग परेशानी झेल रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि शहर में दौडऩे वाले अधिकतर ऑटो के न ही तो रूट तय हैं और न ही इनका कोई स्टोपेज है। चालक जहां चाहे ब्रेक लगा देते हैं। जिस कारण रोजाना कोई न कोई हादसा या मारपिटाई की घटना हो ही जाती है।
शहर में आसपास के गांवों के अलावा दूर दराज तक के इलाकों के ऑटो अलसुबह ही आ धमकते हैं। पूरा दिन कमाई करने के बाद रात को वापस लौट जाते हैं। शहर में तैनात यातायात पुलिस कर्मियों को देखकर लगता है कि वे केवल खानापूर्ति के लिए ही खड़े हैं। उन्हें केवल अपनी ड्यूटी के घंटे पूरे करने से मतलब है। शहर और यहां के लोगों से उन्हें कोई सरोकार नहीं है। शहर की विभिन्न सड़कों पर दौडऩे वाला हर तीसरा ऑटो अवैध है। यह हम नहीं यातायात विभाग से जुड़े सूत्र कह रहे हैं। इन सूत्रों की मानें तो पिछले 3 से 4 सालों में शहर में ऑटो की संख्या 3 गुना बढ़ गई है।
शहर में इस समय कितने ऑटो रोजाना चल रहे हैं इसका रिकार्ड तो दूर विभाग के पास अंदाजा भी नहीं है। वैसे की मानें तो इस समय शहर के विभिन्न रूटों से करीब 16 हजार ऑटो दौड़ रहे हैं। जिनमें से केवल 5700 का ही रजिस्ट्रेशन है। शहर के आसपास के गांवों के अलावा बहादुरगढ़, सांपला, जुलाना, लाखनमाजरा, गोहाना, कलानौर, महम और बेरी तक के ऑटो शहर में चल रहे हैं। ये ऑटो अलसुबह ही शहर के लिए निकल पड़ते हैं। पूरा दिन शहर में चलने के बाद शाम को वापस अपने गंतव्य की ओर लौट जाते हैं।