न खाता, न बही, सूदखोर जो कहे वही सही

Edited By kamal, Updated: 20 May, 2019 03:22 PM

neither account nor book what the sudhkhor says is true

न खाता न बही सूदखोर जो कहे वही सही। जी हां आप माने या न माने यह बात बिल्कुल सत्य है। शहर में सूदखोरों का आतंक...

रोहतक(किन्हा): न खाता न बही सूदखोर जो कहे वही सही। जी हां आप माने या न माने यह बात बिल्कुल सत्य है। शहर में सूदखोरों का आतंक लगातार जारी है लेकिन न जाने प्रशासन की लाचारी है कि वह सूदखोरों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। खुलेआम मनी लांड्रिंग एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन के सूद का कारोबार चल रहा है। जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया है वे भी नियमों का पालन नहीं कर रहे। पर प्रशासन खामोश है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि कोई भी पीड़ित शिकायत देने के लिए पुलिस के पास नहीं पहुंच पा रहा। इस साल कई ऐसे मामले सामने आए है।

साहूकारी का धंधा करने वाले लोग बिना लाइसैंस के सूद पर रुपया देते हैं और गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर आजीवन उनसे अवैध रूप से ब्याज वसूल करते हैं और ऐसे लोगों द्वारा वसूली के लिए अपराधियों को भी एजैंट रखा गया है, जो सूद पर उधार लेने वालों को डरा-धमकाकर, प्रताडि़त कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का शोषण करते हैं। जब ब्याज व मूलधन की राशि समय पर नहीं लौटा पाने पर सूदखोरों के द्वारा जमीन, जायदाद सहित अन्य सम्पत्ति को गिरवी रख लेते हैं। इसकी वजह से लोग गलत कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं।
 
कुछ मामलों पर एक नजर
स्नशहर में चांदी की पायल बनाने वाला राजा नाम के व्यक्ति ने अपने पिता के इलाज के लिए सूदखोर से 30 हजार रुपए ब्याज पर लिए थे। राजा को प्रतिमाह 3 हजार रुपए ब्याज देना था। राजा करीब 54 हजार रुपए ब्याज दे चुका है लेकिन अभी भी उसको 30 हजार रुपए सूदखोर को और देने हैं। सूदखोरों के  डर के चलते वह पुलिस को शिकायत भी नहीं दे पा रहा है। स्नकिला रोड़ पर कपड़े के व्यापारी सुनील ने बताया कि उसने फाइनैंसर से 50 हजार रुपए 4 महीने के लिए ब्याज पर लिए थे। उसने प्रतिमाह ब्याज भी दिया था लेकिन 4 माह बाद वह पैसे लौटाने में असमर्थ था।

उसने सूदखोर को कहा कि वह पैसे नहीं दे पाएगा अभी लेकिन ब्याज दे देगा। सूदखोर नहीं माना और उस पर पैनलटी लगानी शुरू कर दी। जब दुकानदार ने इस पर आपत्ति जताई तो सूदखोर ने दुकान पर ही आकर गाली-गलौच करना शुरू कर दिया।स्नकच्चा बेरी रोड निवासी अमित ने बताया कि आटो चलाता है और उसने सूदखोर से 20 हजार रुपए ब्याज पर लिए थे। वह 25 हजार रुपए ब्याज दे चुका है लेकिन सूदखोर उससे अभी भी 20 हजार रुपए वापस मांग रहा है।

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