Edited By Updated: 14 Aug, 2016 08:50 PM
प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, बचपन से भगवान ऐसे प्रतिभावान बच्चों पर अलग से मेहरबान होता है जो अपने प्रदेश व् देश का नाम रोशन...
पानीपत (अनिल कुमार): प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, बचपन से भगवान ऐसे प्रतिभावान बच्चों पर अलग से मेहरबान होता है जो अपने प्रदेश व् देश का नाम रोशन करते है और जिन पर उसका परिवार गर्व कर सकता है। हर मां-बाप का सपना होता है कि वो अपने बच्चों के नाम से जाने जाए। ऐसे ही सपने सुनील ने अपने बेटे मोंटू शर्मा के लिए हुए है। उनका बेटा अनेक प्रतिभाओं का धनी है जिसने अनेक राष्ट्रीय व् अंतरराष्ट्रीय अवार्ड जीते व् अनेक हरियाणवी प्रसिद्ध कलाकारों के साथ रागनियां गाई व् ऑरकेस्टा बजाया। मोंटू जीवन की दौड़ सफल होने हेतु व् बड़ा स्टार बनने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहा है। जिसको लेकर मोंटू ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है।
मोंटू की सफलता कि कहानी
पानीपत से 15 किलोमीटर दूर गांव सनोली खुर्द निवासी सुनील जो की पब्लिक हैल्थ डिपार्टमेंट में नोकरी करता है उन्होंने कभी यह नहीं सोचा होगा कि उसका बेटा मोंटू उनका नाम रोशन करेगा।
बता दें कि मोंटू शर्मा को बचपन से ही गाना गाने व् ऑरकेस्टा बजाने का शौक था। जब मोंटू 4 वर्ष का था सन 2000 में उसने अपने गांव सनोली के मंदिर जागरण में भक्ति के चार गाने गए। जहां प्रसिद्ध हरियानवी गायक नरेंद्र कौशिक भी आए हुए थे। उसकी इस प्रतिभा को देख कर सनोली गांव के लोग व् परिवार वाले आश्चर्य चकित रह गए। जब 2004 में हरियाणा में चुनाव हुए तो समालखा में प्रसिद्ध हरियानवी गायक पाशी के साथ भी गाने गाए।
दोनों हरियानवी गायक ने मोंटू को अपने साथ गाने शामिल कर लिया। 2001 में जब मोंटू दिल्ली अपने रिश्तेदारों के यहां एक कार्यक्रम में गा रहा था तब नरेंद्र कौशिक ने उसे अपना शार्गीद बना लिया और पहली बार मोंटू को अपना गुरु मिला। उसके बाद मोंटू दिन प्रतिदिन आगे बढ़ता चला गया।
पढ़ाई को जारी करते हुए मोंटू ने पानीपत के निजी कॉलेज में ग्रेजुशन हेतु दाखिल लिया। इसी दौरान 2012 में इनर जोनल करूक्षेत्रा के कार्यक्रम में हरियानवी सांग व् ऑरकेस्टा में प्रथम स्थान हासिल किया। सफलता को उचाईयों को छूने की अभिलाषा लिए हुए 2013 में इंदौर में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया। 2016 में लखनऊ में अंतररास्ट्रीय प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान हासिल किया। वहा से वापिस आने के बाद सनोली गांव के लोगों ने जोरदार स्वागत किया।