Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 10 Jun, 2018 12:06 PM
पशुपालन विभाग की महिला आईएएस द्वारा हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाने के बाद हड़कंप मच गया है। हरियाणा महिला आयोग की चेयरमैन प्रतिभा सुमन का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर फेसबुक पर...
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): पशुपालन विभाग की महिला आईएएस अधिकारी द्वारा हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाने के बाद हड़कंप मच गया है। हरियाणा महिला आयोग की चेयरमैन प्रतिभा सुमन का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर फेसबुक पर महिला आईएएस अधिकारी ने अपने उत्पीड़न से संबंधित कोई कमेंट्स लिखे हैं तो वह उसमें सू-मोटो ले जांच करवाएंगी।
प्रतिभा सुमन ने कहा कि मामला चंडीगढ़ में कार्यरत महिला अधिकारी व शिकायत भी वहीं कार्यरत अधिकारी से संबंधित बताया जा रहा है इसलिए ज्यूरी डिक्शन देख ही कोई कदम महिला आयोग उठा पाएगा। प्रतिभा ने कहा कि जैसा उन्हें पता लगा है कि दोनों अधिकारी हरियाणा में कार्यरत है। सब पहलुओं का अध्ययन कर पहले जांच करवाई जाएगी फिर ही कुछ कहा जा सकता है।
विविदित अधिकारी ने जताई व्यस्तता
महिला अधिकारी के आरोपों से विवादों में आए एसीएस स्तर के अधिकारी से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह किसी कार्यक्रम में व्यवस्थ हैं। अभी बात करना संभव नहीं है।
जानिए क्या है सू-मोटो
सू मोटो किसी भी अथारटी द्वारा लिया जाने वाला वह एक्शन होता है जिसमें दूसरे पक्ष को औपचारिक रूप से बताए बगैर लिया जाता है। यह अधिकांशत: जजों द्वारा संज्ञान लेकर उठाए गए कदमों पर लागू होता है। ज्यादातर अपीलीय अदालतों में जजों द्वारा दूसरे पक्ष को बताए बगैर संज्ञान लिए जाने पर इसे सू मोटो एक्शन कहा जाता है। हालांकि यह अक्सर अदालतों की कार्यवाही पर लागू होता है लेकिन इसके अलावा सरकारी एजेंसियों और आधिकारिक रूप से कार्य करने की हैसियत से उठाए गए कदमों के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।