दुष्कर्म पीड़िता को अलग कमरे में परीक्षा देने से रोकने वाले 3 प्रोफेसर सस्पेंड

Edited By vinod kumar, Updated: 05 Nov, 2019 02:51 PM

three professors suspended for giving the rape victim a separate room

रेवाड़ी में दुष्कर्म पीड़िता को अलग कमरे में परीक्षा देने से रोकने और मानसिक प्रताडि़त करने के मामले में उच्चत्तर शिक्षा विभाग ने तीन प्रोफेसरों को सस्पेंड कर दिया है। डीसी द्वारा गठित कमेटी ने इस मामले की जांच की थी, उसी रिपोर्ट के आधार पर यह...

रेवाड़ी(महेंद्र): रेवाड़ी में दुष्कर्म पीड़िता को अलग कमरे में परीक्षा देने से रोकने और मानसिक प्रताडि़त करने के मामले में उच्चत्तर शिक्षा विभाग ने तीन प्रोफेसरों को सस्पेंड कर दिया है। डीसी द्वारा गठित कमेटी ने इस मामले की जांच की थी, उसी रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। बता दें कि वर्ष 2018 में गैंगरेप की जघन्य घटना के बाद पीड़िता की कोचिंग प्रभावित हुई थी। 

काउंसलिंग के बाद कोसली क्षेत्र के नाहड़ सरकारी कॉलेज में बीएससी कोर्स में उसका दाखिला कराया गया था। 18 मई को उसके दूसरे सेमेस्टर के केमेस्ट्री का पेपर होना था। यहां पीड़िता ने कॉलेज से अनुमति लेकर अलग कमरे में पुलिस सुरक्षा के बीच पेपर देने की बात कही थी। मगर बतौर परीक्षा अधीक्षक तैनात सहायक प्रोफेसर सुषमा यादव, उप अधीक्षक जगत सिंह व असिस्टेंट प्रोफेसर अजीत सिंह ने उसे सभी छात्रों के साथ बैठने को मजबूर किया। 

पीड़िता ने पहचान छिपाने के लिए कॉलेज से अलग कमरे में पेपर की अनुमति ली थी। तर्क दिया था कि कॉलेज ने नियमित कक्षाओं में भी उसे रियायत दी हुई है। बार-बार आग्रह करने पर भी उक्त तीनों प्रोफेसर नहीं माने तो पीड़िता परीक्षा नहीं दे पाई। पीड़िता को पेपर देने से रोकने की शिकायत डीसी यशेंद्र सिंह तक पहुंची तो उन्होंने रेवाड़ी एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, जिसमें डीएसपी व शिक्षा विभाग के भी अधिकारी शामिल थे। 

कमेटी ने अपनी जांच में तमाम बयान, कागजात और साक्ष्य जुटाए। इसमें तीनों प्रोफेसरों को दोषी पाया गया और रिपोर्ट डीसी को सौंपी। डीसी ने यह रिपोर्ट उच्चत्तर शिक्षा विभाग चंडीगढ़ को भेजी थी। सोमवार को विभाग ने तीनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। असिस्टेंट प्रोफेसर सुषमा यादव व अजीत सिंह फिलहाल नाहड़ कॉलेज में तथा जगत सिंह डेपुटेशन पर कनीना के उन्हानी कॉलेज में कार्यरत है। डीसी यशेंद्र सिंह ने छात्रा को स्पेशल चांस देने के लिए विवि के वाइस चांसलर को पत्र लिखा है।

शिक्षिका ने कहा था- तुम अकेली पीड़ित नहीं, स्पेशल महसूस मत करो
पीड़िता के परिजनों ने शिक्षकों पर मानसिक प्रताडऩा के आरोप लगाए थे। उसकी मां ने अधिकारियों को भी बताया कि परीक्षा अधीक्षक के तौर पर कार्यरत शिक्षिका ने तो मेरी बेटी को यहां तक कहा था कि गैंगरेप की तुम अकेली पीड़ित नहीं हो, स्पेशल महसूस करना बंद करो। परिजनों ने कहा कि परीक्षा अधीक्षक उनके गांव से ही आती है, इसलिए उन्हें संदेह है कि जान बूझकर पीड़िता को जलील करने के लिए ऐसा किया गया।

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