एक-दूसरे की संस्कृति से रू-ब-रू होंगे तेलंगाना-हरियाणा के विद्यार्थी

Edited By vinod kumar, Updated: 28 Dec, 2019 12:11 PM

students of telangana haryana will become familiar with each other culture

भारत की सांस्कृतिक विभिन्नता जग जाहिर है। यहां एक प्रदेश की संस्कृति व रहन-सहन दूसरे प्रदेश से बेहद भिन्न है। विद्याॢथयों को इसी सांस्कृतिक विभिन्नता व समृद्धता से रू-ब-रू करवाने का बीड़ा उठाने का निर्णय लिया गया है और यह शुरूआत फिलहाल सोनीपत के...

सोनीपत(ब्यूरो): भारत की सांस्कृतिक विभिन्नता जग जाहिर है। यहां एक प्रदेश की संस्कृति व रहन-सहन दूसरे प्रदेश से बेहद भिन्न है। विद्याॢथयों को इसी सांस्कृतिक विभिन्नता व समृद्धता से रू-ब-रू करवाने का बीड़ा उठाने का निर्णय लिया गया है और यह शुरूआत फिलहाल सोनीपत के दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय ने तेलंगाना के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता कर की है। सबसे पहले यहां तेलंगाना के विद्याॢथयों का दल पहुंच रहा है, जिसमें 50 विद्यार्थी शामिल होंगे। यह दल यूनिवर्सिटी में 5 दिन ठहरेगा और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा व सैमीनारों के अलावा उन्हें आसपास के गांवों में ले जाया जाएगा। यहां उन्हें देशी रहन-सहन और भाईचारे से रू-ब-रू करवाया जाएगा। 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत सोनीपत के मुरथल विश्वविद्यालय व तेलंगाना के नालगोंडा स्थित महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों प्रदेशों के विद्यार्थी एक-दूसरे की संस्कृति से रू-ब-रू होंगे। सबसे पहले हरियाणा की समृद्ध सभ्यता व संस्कृति को देखने व समझने के लिए तेलंगाना के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के 50 विद्याॢथयों का दल जनवरी में मुरथल विश्वविद्यालय में पहुंच रहा है। विद्याॢथयों का यह दल पांच दिन तक विश्वविद्यालय में ही रहेगा। तेलंगाना के विद्यार्थी इस दौरान प्रदेश का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति, भाषा, पहनावा व रहन-सहन को देखेंगे व सीखेंगे। 

5 दिन अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेगा तेलंगाना का दल
डी.सी.आर.यू.एस.टी. के एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब के साथ तेलंगाना प्रदेश के विद्यार्थी पहले दिन आपसी परिचय होगा तथा परिवार की तरह एक दूसरे के साथ रहेंगे। दूसरे दिन दोनों प्रदेश के विद्याॢथयों का क्लब एक दूसरे प्रदेश की भाषा, संस्कृति व सभ्यता के बारे में आपस में जानकारी सांझा करेंगे। तीसरे दिन तेलंगाना की महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी डी.सी.आर.यू.एस.टी. के पास स्थित गांव का दौरा कर ग्रामीण रहन-सहन, संस्कृति, सभ्यता, भाषा व त्यौहार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। चौथे दिन विद्याॢथयों का दल डी.सी.आर.यू.एस.टी. के पास स्थित पर्यटक व एतिहासिक स्थल का दौरा करने के साथ-साथ मार्कीट का दौरा करेगा व स्थानीय लोगों से बातचीत भी करेगा। अंतिम दिन खान-पान उत्सव व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा व तेलंगाना के विद्यार्थी अपने अनुभव सांझा करेंगे।

रिपोर्ट में बताएंगे विद्यार्थी, कैसा लगा हरियाणा 
अनेकता में एकता कार्यक्रम के तहत यह समझौता हुआ है। दौरे के बाद विद्याॢथयों को अपनी एक रिपोर्ट लिखनी होगी, जिसमें वे प्रदेश की सभ्यता व संस्कृति के अद्वितीय वैशिष्टय के बारे में लिखकर भेजेंगे, जो उन्होंने हरियाणा प्रदेश के बारे में सीखा है। डी.सी.आर.यू.एस.टी. का दौरा करने वाले विद्याॢथयों का चयन प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाएगा। प्रतियोगिता में हरियाणा प्रदेश की सभ्यता, संस्कृति, भाषा व रहन सहन के  बारे में प्रश्न किए जाएंगे। सर्वश्रष्ठ प्रदर्शन करने वाले 50 विद्याॢथयों का चयन किया जाएगा।

अनेकता में एकता है भारतीय संस्कृति की पहचान : प्रो. अनायत 
विश्वविद्यालय के वी.सी. प्रो. राजेंद्र अनायत ने कहा कि वैदिक काल से ही हमारी सभ्यता व संस्कृति समृद्ध रही है। देश में हर प्रदेश की अलग प्रकार की संस्कृति है, लेकिन जब बात राष्ट्र की होतो संपूर्ण राष्ट्र एक है। अनेकता में एकता ही हमारी संस्कृति की पहचान है। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रम के तहत विद्याॢथयों को एक दूसरे की सभ्यता व संस्कृति को समझने व सीखने का पास से अवसर मिलेगा। 

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