क्या बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस के 18 हजार वोट बढ़े या 6 हजार घटे ?

Edited By vinod kumar, Updated: 12 Nov, 2020 08:31 PM

reality check of chief minister khattar s claim

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बरोदा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त  की कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल से 10566 वोटों से पराजय के बावजूद दावा किया है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा को इस सीट से 50 हजार से अधिक वोट प्राप्त...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बरोदा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त  की कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल से 10566 वोटों से पराजय के बावजूद दावा किया है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा को इस सीट से 50 हजार से अधिक वोट प्राप्त हुए हो। इसके साथ साथ उन्होंने यह भी कहा है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 6 हजार वोट खोए हैं।

मुख्यमंत्री के उक्त दावे का रियलिटी चेक करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने भारतीय चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर बताया कि जहां तक बरोदा में भाजपा द्वारा पहली बार 50 हजार वोट लेने की बात है, तो यह बिलकुल सत्य है। क्योंकि गत वर्ष अक्टूबर, 2019 में विधानसभा आम चुनावों के दौरान भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त ने 37726 वोट हासिल किए थे, जबकि उस चुनाव में विजयी रहे कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा को 42566 वोट मिले थे। इस बार योगेश्वर को 50 हजार 70 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज को 60 हजार 636 वोट मिले। वर्ष 2014 विधानसभा चुनावों में भाजपा को बरोदा में मात्र 8698 वोट ही मिले थे।

जहां तक मुख्यमंत्री के दूसरे दावे कि कांग्रेस ने इस बार के बरोदा चुनाव में 6 हजार वोट खोए है, प्रथम दृष्टि से इस पर यकीन नहीं होता। क्योंकि अगर बरोदा में कांग्रेस के इस बार के वोटों अर्थात 60636 और अक्टूबर 2019 में प्राप्त वोटों अर्थात 42566 की तुलना की जाए, तो इस बार कांग्रेस के 18 हजार 70 वोट अधिक आते हैं।

हेमंत ने कहा कि हालांकि गत वर्ष मई, 2019 में 17 वीं लोक सभा आम चुनावों में सोनीपत सीट से कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा ने भाजपा के रमेश कौशिक के विरूद्ध चुनाव लड़ा था, जिसमें हुड्डा हालांकि 1.65 लाख के विशाल अंतर से कौशिक से चुनाव हार गए थे, परन्तु इस सीट के अंतर्गत पड़ने वाले बरोदा विधानसभा हलके से हुड्डा को 65 हजार 689 वोट मिले, जबकि कौशिक को 48 हजार 941 वोट प्राप्त हुए। जिस कारण हुड्डा बरोदा में 16 हजार 748 से कौशिक से आगे रहे। अगर इस आधार पर तुलना की जाए तो निश्चित तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी को इस बार 5 हजार वोट कम मिले और जीत का अंतर भी 6 हजार कम हुआ है।

उन्होंने बताया कि अगर ताजा विधानसभा चुनावी नतीजों की तुलना राज्य में पिछले लोकसभा चुनावों में लोक सीट के अंतर्गत आने वाले सम्बंधित विधानसभा हलके के परिणाम से की जाती है, तो इस आधार पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करनाल विधानसभा हलके से मई, 2019 में 17 वीं लोकसभा आम चुनावों में करनाल लोक सभा सीट से भाजपा प्रत्याशी संजय भाटिया ने 1 लाख 8 हजार 673 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को  28877 वोट मिले। जिस कारण भाजपा ने यहां से 79 हज़ार 796 वोटो की बढ़त ली। 

इसके पांच माह बाद अक्टूबर, 2019 विधानसभा आम चुनावों में इसी हलके से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 79906 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस के त्रिलोचन सिंह को 34718 वोट मिले। जिस कारण खट्टर ने 45188 वोटों से जीत हासिल की। इस प्रकार यह कहा जा सकता है भाजपा के वोट भी पिछले की बजाए अगले चुनाव में 28767 कम हुए एवं उसकी जीत का अंतर भी 34608 घट गया।

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