Edited By vinod kumar, Updated: 31 Dec, 2019 02:06 PM
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार अभी ठंड का असर 2 दिन और रहेगा। नए साल के बाद न्यूनतम तापमान ऊपर चढऩे के बाद ठंड का असर कुछ कम होगा। सोमवार को भी सिरसा में न्यूनतम पारा 2.7 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 8.6 डिग्री दर्ज किया गया। तेज...
सिरसा(सेतिया): हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार अभी ठंड का असर 2 दिन और रहेगा। नए साल के बाद न्यूनतम तापमान ऊपर चढऩे के बाद ठंड का असर कुछ कम होगा। सोमवार को भी सिरसा में न्यूनतम पारा 2.7 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 8.6 डिग्री दर्ज किया गया। तेज हवा के चलने से ठंड और अधिक सता रही है। मौसम विभाग की मानें तो 1 व 2 जनवरी को बरसात की सम्भावना है।
इसके बाद ठंड व कोहरे का प्रभाव कम हो सकता है। 2 जनवरी को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री जबकि 3 जनवरी को पारा 8 डिग्री रहने की सम्भावना है। ऐसे में आने वाले सप्ताह में ठंड का असर थोड़ा कम हो सकता है। वहीं फसलों के दृष्टिगत ठंड फायदेमंद मानी जा रही है। खासकर गेहूं एवं सरसों की फसल के लिए कोहरा लाभदायक है। इस बार हरियाणा में सिरसा में सर्वाधिक 2.98 लाख हैक्टेयर में गेहूं की काश्त की गई है। इसके अलावा सरसों, चना एवं जौं की फसल के लिए कोहरा ठीक है। जिला कृषि उपनिदेशक डा. बाबूलाल का कहना है कि गेहूं व सरसों के लिए कोहरा लाभदायक है। उनके अनुसार फसलों में उचित सिंचाई व खाद डालना जरूरी है।
कोहरा छाए रहने की सम्भावना
मौसम विभाग का कहना है कि सुबह एवं शाम के समय कोहरा छाए रहने की संभावना है। ऐसे में गेहूं एवं सरसों में पर्याप्त मात्रा में खाद डालने और सिंचाई करने की सलाह दी है। चने की फसल में निराई-गुड़ाई करने की सलाह के अलावा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने पशुओं को लेकर भी एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के अनुसार पशुओं को रात व सुबह की ठंड से बचाने के लिए छप्पर में बांधने की सलाह दी है। पशुओं के अच्छे दूध उत्पादन के लिए हरे चारे के साथ-साथ 50 ग्राम नमक तथा 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण दिए जाने की राय पशुपालकों को दी है।
अलाव बना सहारा
वहीं, सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव व गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। ठंड में मफलर, दस्ताने व टोपियों के अलावा गर्म कपड़ों की सेल एकाएक बढ़ गई है। जगह-जगह पर लोग आग के सहारे सर्दी का असर कम करते नजर आए। सार्वजनिक स्थानों रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के अलावा बाजारों में जगह-जगह लोग अलाव का सहारा लेकर ठंड कम कर रहे हैं। ठंड का असर ही है कि लक्कड़ बाजार में एकाएक छोटे गुटके की बिकवाली भी तेज हो गई है।