Edited By Manisha rana, Updated: 13 Apr, 2020 11:53 AM
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने लॉकडाऊन के चलते निजी स्कूलों के विद्यार्थियों से फीस न मांगने संबंधी सरकारी आदेशों पर पुनर्विचार.....
टोहाना (वधवा) : हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने लॉकडाऊन के चलते निजी स्कूलों के विद्यार्थियों से फीस न मांगने संबंधी सरकारी आदेशों पर पुनर्विचार करने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं एन.आर.एम. शिक्षा समूह के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल व शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर को इस संबंध में पत्र लिखकर निजी स्कूलों के समक्ष आने वाली परेशानी से अवगत कराते हुए फीस मामले पर पुनर्विचार करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि अगर कोई स्कूल बच्चों से फीस चार्ज नहीं करेगा तो अपने अध्यापकों, ड्राइवर, कंडक्टर, पीयन व अन्य कर्मचारियों को वेतन कहां से देगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के स्टाफ की सैलरी के अलावा और भी खर्चे हैं, जिनकी भरपाई बिना फीस लिए करना असंभव है। प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू व प्रदेश प्रवक्ता विनय वर्मा ने कहा कि अगर सरकार मासिक फंड या अध्यापकों के वेतन के लिए अपना सहयोग दें तो वे लॉकडाऊन के दौरान बिना बच्चों से फीस लिए स्टाफ को वेतन दे सकेंगे।
उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना वायरस की मार से सरकार खुद आॢथक संसाधनों की किल्लत के कारण अपने कर्मचारियों को वेतन देने में कठिनाई महसूस कर रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी स्कूलों को बच्चों से फीस लिए बिना स्टाफ का वेतन कैसे दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के पास केवल फीस ही एकमात्र आय का साधन होता है और लगभग सभी स्कूलों के अध्यापक इस लॉकडाऊन में भी बच्चों को उनके घर पर ही ऑनलाइन स्टडी करवा रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि फीस से संबंधित मसले पर पुनॢवचार करना चाहिए।