आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुविधाओं के नाम पर की जा रही केवल खानापूर्ति

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 01 Aug, 2018 11:41 AM

only khanapurni being named after facilities at anganwadi centers

जिले में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। सालों से बच्चों के खाने का सामान नहीं पहुंच रहा है। जिसकी वजह से ना तो आंगनवाड़ी तक बच्चे पहुंच पा रहे हैं ....

फरीदाबाद(देवेंद्र कौशिक): जिले में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। सालों से बच्चों के खाने का सामान नहीं पहुंच रहा है। जिसकी वजह से ना तो आंगनवाड़ी तक बच्चे पहुंच पा रहे हैं और ना ही आंगनवाड़ी वर्कर ठीक ढंग से काम कर पा रही हैं। कहने को तो आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को हर दिन के हिसाब से अलग-अलग खाना देने के लिए चार्ट बनाया गया है, लेकिन राशन के नाम पर केंद्रों में कुछ भी नहीं है।
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तस्वीरों में दिखाई दे रहा यह आंगनवाड़ी केंद्र यमुना से सटे गांव अगवानपुर का है। जहां केवल आंगनवाड़ी केंद्र के नाम पर खानापूर्ति ही दिखाई देती है। 10 बाई 8 के कमरे में चल रहा ये आंगनवाड़ी केंद्र नाम का ही आंगनवाड़ी केंद्र दिखता है। ना तो यहां बिजली है और ना ही फर्नीचर और ना ही बच्चों के खाने के लिए ठीक ढंग से राशन मिल पा रहा है। कहने को तो इस आंगनवाड़ी केंद्र में 13 बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं लेकिन सरकार द्वारा इन्हें खाना मुहैया कराने के लिए भेजे जाने वाले राशन के नाम पर कुछ नहीं मिलता। अगर मिलता भी है तो वजन में कटौती कर कर राशन भेजा जाता है।
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आंगनवाडी वर्कर का कहना है कि 50 किलो के गेहूं के कट्टे में 40 किलो गेहूं ही भेजे जाते हैं। इसी तरह से पिछले ढाई साल में एक बार उनके पास चीनी आई है और तो और फर्नीचर के नाम पर एक टूटी हुई कुर्सी दिखाई देती है। आंगनवाड़ी वर्कर का आरोप है कि उन्हें अपने घर से पैसे खर्च कर सामान मंगवाना पड़ता है। रजिस्टर तक भी अपने पैसों से मंगाए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र की हेल्पर का कहना है कि पिछले ढाई साल में एक बार चीनी भेजी गई है। 
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हेल्पर का आरोप है कि वैसे तो सरकार हर दिन अलग चार्ट के हिसाब से खाना बनाने के लिए कहती है लेकिन राशन के नाम पर जब कुछ आएगा ही नहीं तो फिर वह काम कैसे करेंगे। आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों का वजन करने की मशीन तक नहीं है। ऐसे में देश के नौनिहालों के कुपोषण की जांच करने के लिए दी गई जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों पर कैसे पूरी हो पाएगी।
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