भरत सिंह की भैंस का धमाल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम किया रोशन(VIDEO)

Edited By vinod kumar, Updated: 23 Jan, 2020 03:07 PM

कैथल की एक मुर्रा भैंस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन किया है। भैंस ने अंतरराष्ट्रीय डेयरी एवं एग्रो एक्सपो मेले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीसरा नाम हासिल किया है। तीसरा पुरस्कार जीतकर भैंस ने जिला सहित प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। इसके...

कैथल(जोगिंद्र): कैथल के राधास्वामी कॉलोनी में रहने वाले भरत सिंह बेनीवाल की मुर्रा भैंस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन किया है। भैंस ने अंतरराष्ट्रीय डेयरी एवं एग्रो एक्सपो मेले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीसरा पुरस्कार हासिल किया है। तीसरा पुरस्कार जीतकर भैंस ने जिला सहित प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। इसके लिए भैंस के मालिक को सोशल मीडिया फेसबुक और यू ट्यूब के जरिए दूर दूर से बधाई संदेश मिल रहें है। वहीं भैंस मालिक ने इसके लिए मेला आयोजक कमेटी का धन्यवाद किया है। 

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बता दें कि डायरी फार्मर एसोसिएशन द्वारा 17, 18 व 19 जनवरी को कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में डीएफए अंतरराष्ट्रीय डेयरी एवं एग्रो एक्सपो मेला आयोजित किया गया। इस मेले मेेंं हर आयु वर्ग और श्रेणी की गाय में मुर्रा नस्ल की भैंसे पूरे भारतवर्ष से पशुपालकों द्वारा लाई गई थी। जिनका अलग-अलग दौर में मुकाबले करवाए गए। इनके चयन के लिए स्पेशल फ्रांस व न्यूजीलैंड के एक्सपर्ट जजों की टीम बुलाई गई थी।

जिन्होंने बारीकी से जांच कर प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में आने वाले पशुओं  का चयन किया। इसके बाद उन्होंने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी नस्ल के पशुओं को एसोसिएशन द्वारा इनाम देकर व ट्राफी और सिटी में देकर सम्मानित किया।

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कैथल के राधास्वामी कॉलोनी के निवासी भरत सिंह बेनीवाल ने बताया कि उनकी मुर्रा नस्ल की भैंस की उम्र 7 साल है, जिसकी लंबाई लगभग 10 फीट और ऊंचाई 5 फीट है। वह 4 बार बच्चे दे चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले साल में भैंस ने 19 किलोग्राम दूध रोजाना और चौथे साल में 23 से 24 किलो दूध रोजाना दिया है। भरत सिंह ने भैंस को चना, मक्की, सरसो, बिनौला खल और गुड़ मिलाकर 15 किलो दाना रोजाना डालते हैं, जिसका 18 से 20 हजार रूपये प्रति माह का खर्च है। 

अब भैंस पांचवी बार प्रजनन करेगी, उन्हें भैंस पर पूरा भरोसा है कि वह इस साल प्रदेश में मिल्क रिकॉर्डिंग में अव्वल स्थान प्राप्त करेगी। भरत सिंह बेनीवाल ने बताया कि वे हर 6 महीने में अपने पशुओं के टेस्ट करवाते हैं, ताकि कोई बीमारी ना आने पाए। उन्होंने कहा कि पशुओं से कुछ बीमारियां मनुष्य में आ जाती हैं। 

उन्होंने पशुपालक किसानों को संदेश दिया कि खेती के साथ-साथ पशुपालन का व्यवसाय भी करें, क्योंकि पशुपालन आजकल खेती से ज्यादा मुनाफा दे रहा है। वहीं लोगों को संदेश भी दिया कि कुछ लोग सेंट्रोसीन नामक टीका दूध बढ़ाने के लिए पशुओं को लगाते हैं जो कि काफी नुकसानदायक है। इस टीके के प्रभाव के कारण पशु का दूध भी मनुष्य में बीमारियां फैला रहा है। 

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