अफसरों पर हरियाणा सरकार मेहरबान, नियमों के विपरीत दे रहे वेतन-पेंशन!

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 20 Apr, 2018 11:27 PM

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हरियाणा सरकार अपने अधिकारियों पर इस कदर मेहरबान है कि सभी नियमों को ताक पर रखकर उन्हें अधिक वेतन देने से भी गुरेज नहीं है। हरियाणा वन विभाग में हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स (एच.ओ.एफ.एफ.) का एक पद है, जिसके तहत एपेक्स स्केल में एक अफसर पहले से ही नियामानुसार...

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): हरियाणा सरकार अपने अधिकारियों पर इस कदर मेहरबान है कि सभी नियमों को ताक पर रखकर उन्हें अधिक वेतन देने से भी गुरेज नहीं है। हरियाणा वन विभाग में हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स (एच.ओ.एफ.एफ.) का एक पद है, जिसके तहत एपेक्स स्केल में एक अफसर पहले से ही नियामानुसार वेतन ड्रा कर रहा है। बावजूद इसके हरियाणा सरकार ने दो आई.एफ.एस. अफसरों को एच.ओ.एफ.एफ. के पद पर तैनात कर एपेक्स स्केल का वेतन निर्धारित कर दिया और तो और रिटायरमैंट के बाद अब दोनों अफसर एपेक्स स्केल के तहत पेंशन भी ड्रा कर रहे हैं।

हरियाणा के पास एपेक्स पोस्ट यानी प्रिंसीपल चीफ कंजवेटर ऑफ फॉरेस्ट (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स) के लिए एक ही सीट है। केंद्र सरकार की 27 नवंबर, 2017 की नोटिफिकेशन के मुताबिक हरियाणा सरकार के पास वन विभाग के लिए एपेक्स स्केल के लिए 1, एचएजी प्लस स्केल के लिए 1 और एचएजी स्केल के लिए 5 पद हैं। विभाग को किसी भी अफसर का स्केल बदलने से पहले डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल से मंजूरी लेना अनिवार्य है।

बावजूद इसके सरकार ने एचएजी प्लस स्केल ले रहे आई.एफ.एस अधिकारी डॉ. पी.पी. भोजवैद्य को पहले हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स बनाया और बाद में डिपार्टमैंट ऑफ पर्सोनल की बिना मंजूरी के ही एपेक्स स्केल दे दिया। वह भी तब जबकि भोजवैद्य से पहले हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के पद पर तैनात डॉ. अमरिंदर कौर पहले से ही एपेक्स स्केल ले रहीं थीं, जिन्हें हेड से हटाकर मौजूदा समय में फॉरेस्ट कार्पोरेशन का चार्ज दिया गया है। 30 नवंबर, 2017 को जब भोजवैद्य रिटायर हुए तो आई.एफ.एस. अधिकारी जीके अहूजा को हैड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स बना दिया गया और उन्हें भी एपेक्स स्केल दे दिया गया। अब दोनों अधिकारियों को रिटायरमैंट के बाद भी एपेक्स स्केल के तहत पैंशन दी जा रही है।

अब सोमाशेखर की तैयारी
जी.के.अहूजा की रिटायरमेंट के बाद सरकार ने आई.एफ.एस. अधिकारी एस.एम.सोमाशेखर को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स नियुक्त कर दिया है लेकिन सोमाशेखर अभी भी एचएजी प्लस स्केल के तहत वेतन ले रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सरकार उन्हें एपेक्स स्केल देना चाहती है लेकिन डिपार्टमेंट प्रमोशन कमेटी की बैठक न होने के चलते मामला अधर में लटका है। दरअसल, सरकार ने सोमाशेखर को हेड की पोस्ट पर तो बैठा दिया है लेकिन अभी डिपार्टमेंट प्रमोशन कमेटी से मंजूरी बाकी है। अब जब मामला कमेटी के पास जाएगा तो हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स की कुर्सी पर बैठे होने के कारण सोमाशेखर को एपेक्स स्केल देने की बात उठेगी और इसी के साथ मंजूरी मिलते ही सोमाशेखर भी एपेक्स स्केल लेने लगेंगे। 

पर्यावरण मंत्रालय उठा चुका है सवाल
नियमों को ताक पर रखकर बांटे जा रहे स्केल पर पर्यावरण मंत्रालय भी कड़ा संज्ञान ले चुका है। 14 मार्च 2018 को हरियाणा सरकार को भेजे पत्र में मंत्रालय ने राज्य सरकार मंत्रालय की मंजूरी के बिना आई.एफ.एस. अधिकारियों को हायर ग्रेड दे रही है, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। मंत्रालय ने चेताया है कि अगर ऐसा होता है तो मंत्रालय के स्तर पर इसे मंजूर नहीं किया जाएगा। इसलिए निर्देश दिए जाते हैं कि सबकुछ नियम मुताबिक हो।

कोई भी जवाबदेह नहीं
इस मामले में हरियाणा वन विभाग के सचिव सुरेश दलाल से बात की तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं क्योंकि वह इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। वहीं, पूर्व आई.एफ.एस. अधिकारी पी.पी.भोजवैद्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह रिटायर हो चुके हैं और यह मामला सरकार के स्तर का है, वह इस पर कुछ नहीं कहना चाहते।

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