सदियों से जाटों का शोषण हुआ, अहीर व गुर्जर को आरक्षण तो फिर उन्हें क्यों नहीं

Edited By Deepak Paul, Updated: 07 May, 2018 11:41 AM

jats were exploited for centuries

केन्द्रीय इस्पात मंत्री बीरेन्द्र सिंह जो 40 वर्षों तक कांग्रेस की राजनीति कर भाजपा में शामिल हुए थे, अब भाजपा को काडर बेस पार्टी मानते हैं। बीरेन्द्र सिंह बेबाक और स्पष्ट बोलने के लिए जाने जाते हैं। वह जहां जाटों को आरक्षण देने की खुलकर वकालत करते...

चंडीगढ़: केन्द्रीय इस्पात मंत्री बीरेन्द्र सिंह जो 40 वर्षों तक कांग्रेस की राजनीति कर भाजपा में शामिल हुए थे, अब भाजपा को काडर बेस पार्टी मानते हैं। बीरेन्द्र सिंह बेबाक और स्पष्ट बोलने के लिए जाने जाते हैं। वह जहां जाटों को आरक्षण देने की खुलकर वकालत करते हैं तो वहीं उनका यह भी आरोप है कि हुड्डा ने रोहतक संसदीय क्षेत्र तक ही विकास को सीमित रख बाकी प्रदेश को पीछे धकेल दिया। उन्होंने यह भी माना कि मंत्री की बजाय मुख्यमंत्री बहुत पावरफुल होता है, ऐसे में वह अभी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। कुछ ऐसे ही मुद्दों पर पंजाब केसरी के दीपक बंसल ने उनसे बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंश। 

प्र. क्या आप पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे?
जवाब: मैं हुड्डा के खिलाफ चुनाव लडऩे को तैयार हूं, अगर पार्टी मुझे इसकी स्वीकृति देगी। 

प्र. हुड्डा से नाराजगी का क्या कारण है?
जवाब: हुड्डा ने अपनी निजी स्वार्थ के लिए हरियाणा को काफी पीछे धकेल दिया। केवल बेटे की लोकसभा सीट सुरक्षित रखने के लिए व अपने विधानसभा क्षेत्र में 3 पीढिय़ों की जीत का ध्येय लेकर एक सीमित क्षेत्र का विकास करना कहां की राजनीति है। हुड्डा ने एक छोटे नेता के तौर पर जिला स्तर की राजनीति की जबकि मुख्यमंत्री का काम पूरे प्रदेश का सामूहिक विकास करवाना होता है। 

प्र: हुड्डा कहते हैं कि उन्होंने पूरे प्रदेश का सामूहिक विकास किया है और एक क्षेत्र विशेष के विकास के आरोप उचित नहीं है, क्या कहेंगे?
जवाब: अगर ऐसा है तो उनके राज में रोहतक संसदीय क्षेत्र खत्म होते ही सड़कों पर गड्ढों क्यों दिखाई देने लग जाते थे। दिल्ली से मेरा विधानसभा क्षेत्र करीब 130 कि.मी. पड़ता था और जैसे ही मैं रोहतक संसदीय क्षेत्र को पार करता तो सड़क पर गाड़ी का चलना मुश्किल हो जाता था। 

प्र: आप जाटों को आरक्षण देने की वकालत खुलकर करते रहे हैं जबकि आपकी पार्टी के सांसद राजकुमार सैनी इसका विरोध करते हैं?
जवाब: सांसद सैनी क्या कहते हैं, मुझे कुछ लेना-देना नहीं, लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय में जाटों को आरक्षण मिलना चाहिए। जाटों का सदियों से शोषण होता आया है। अगर अहीर और गुर्जर को आरक्षण मिल सकता है तो फिर जाटों को आरक्षण क्यों नहीं जबकि जाटों की सामाजिक व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अहीरों व गुर्जरों के समान है। 

प्र: विपक्षी दल हरियाणा सरकार पर विफलता और अनुभवहीन होने के आरोप लगा रहे हैं, क्या कहेंगे?
जवाब: ज्यो-ज्यों चुनाव नजदीक आएंगे, विपक्षी दलों के ऐसे आरोप बढ़ते जाएंगे। यह ठीक है कि प्रदेश सरकार में 90 प्रतिशत लोग पहली बार चुनाव जीते हैं लेकिन अब अनुभव न होने वाली स्थिति नहीं है  सरकार ने रफ्तार पकड़ ली है। 

प्र: आप कह रहे हैं कि सरकार ने विकास कार्य खूब किए, फिर भी लोगों में  पैठ में कमी दिखाई देती है?
जवाब: राजनीति में विकास ही जरूरी नहीं होता, लोगों से जुड़ाव भी अहम पहलू है। आप जिससे वोट मांग रहे हो, उस से जुड़ाव भी जरूरी है। 

प्र: राहुल गांधी की दिल्ली में हुई जन आक्रोश रैली में काफी भीड़ जुटी और राहुल ने भविष्य में केन्द्र तथा अन्य प्रदेशों में कांग्रेस की जीत का दावा किया है, क्या कहेंगे?
जवाब: रैली में सभी उतरी राज्यों से भीड़ जुटाने के बावजूद हजारों का आंकड़ा पार नहीं हुआ तो फिर भारी भीड़ कैसे कह सकते हैं। एक राज्य की रैली होती तो फिर भी कुछ हद तक ठीक मान लेते। कांग्रेस में लीडरशिप का अभाव है तभी कांग्रेस 40 सीटों तक आकर सिमट गई और भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ जीत गई।

प्र: मोदी सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय लेकर इस्पात मंत्रालय दे दिया, इससे आपका कद छोटा होने की बातें प्रचारित की गई, क्या कहेंगे?
जवाब: कोई पद छोटा या बड़ा नहीं। मैं हर काम को चैलेंज के रूप में करता हूं। इस्पात मंत्रालय में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। एक पी.एस.यू. का घाटा जोकि 10000 करोड़ तक जा पहुंचा था, वह कम होते-होते खत्म होने तक पहुंच गया है। नई उत्पादन नीति से 15 लाख उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई। इस्पात की 124 मीलियन टन की क्षमता को बढ़ाकर 300 मिलियन टन तक पहुंचा दिया है।

प्र: आप हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, कैसे संभव है?
जवाब: राजनीति में बिना इच्छाओं के आगे बढऩा संभव ही नहीं है। यह बात पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह भी कहते थे। मुख्यमंत्री का पद पावरफुल होता है, क्योंकि मुख्यमंत्री के पास सत्ता का केन्द्रीयकरण हो चुका है। मैं इसलिए मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखता हूं, ताकि अपनी सोच को अमलीजामा पहना सकूं।

भाजपा काडर बेस पार्टी
प्र: 40 वर्ष आपने कांग्रेस की राजनीति की व अब भाजपा में हो, दोनों पार्टियों में क्या फर्क महसूस करते हो?
जवाब: कांग्रेस काडर बेस पार्टी नहीं है जबकि भाजपा काडर बेस पार्टी है, जहां कार्यकर्ता को प्राथमिकता मिलती है। कांग्रेस में व्यक्ति विशेष महत्वपूर्ण है।

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